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झारखंड में लघु और मध्यम श्रेणी के उद्योगों का लाइसेंसीकरण होगा सरल, विधेयक को राज्यपाल की मंजूरी

रांची, 4 नवंबर (आईएएनएस)। झारखंड में सूक्ष्म, लघु और मध्यम श्रेणी के उद्योगों के लाइसेंसीकरण की प्रक्रिया को सरल बनाने के उद्देश्य से विधानसभा से पारित झारखंड सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (विशेष छूट) विधेयक, 2025 को राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने मंजूरी दे दी है। यह जानकारी राजभवन की ओर से मंगलवार को आधिकारिक तौर पर दी गई है।
झारखंड में लघु और मध्यम श्रेणी के उद्योगों का लाइसेंसीकरण होगा सरल, विधेयक को राज्यपाल की मंजूरी

रांची, 4 नवंबर (आईएएनएस)। झारखंड में सूक्ष्म, लघु और मध्यम श्रेणी के उद्योगों के लाइसेंसीकरण की प्रक्रिया को सरल बनाने के उद्देश्य से विधानसभा से पारित झारखंड सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (विशेष छूट) विधेयक, 2025 को राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने मंजूरी दे दी है। यह जानकारी राजभवन की ओर से मंगलवार को आधिकारिक तौर पर दी गई है।

इस विधेयक के कानून रूप में अधिसूचित होने के बाद राज्य में नए उद्योगों की स्थापना और संचालन की प्रक्रिया अब पहले से कहीं अधिक आसान हो जाएगी। विधेयक का मकसद उद्योग स्थापना में लगने वाले समय और विभागीय औपचारिकताओं को कम करना है। इसके तहत सरकार ने ‘सिंगल विंडो सिस्टम’ की व्यवस्था की है, जिसके माध्यम से लाइसेंस, अनुमतियां और अन्य आवश्यक स्वीकृतियां एक ही प्लेटफॉर्म से मिल सकेंगी। इस व्यवस्था से उद्यमियों को विभिन्न सरकारी विभागों के चक्कर लगाने से मुक्ति मिलेगी।

सरकार का मानना है कि यह कदम झारखंड में निवेश को बढ़ावा देगा और सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों (एमएसएमई) को नई रफ्तार प्रदान करेगा। साथ ही, रोजगार सृजन में भी तेजी आएगी। उद्योग विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, नए कानून के तहत शुरुआती वर्षों में कई प्रकार के निरीक्षणों और अनुमतियों से छूट दी जाएगी, ताकि नए उद्यमी बिना किसी जटिल प्रक्रिया के अपना कारोबार शुरू कर सकें।

विधानसभा के मानसून सत्र में पारित होने के बाद यह विधेयक राजभवन भेजा गया था, जिसे अब राज्यपाल की मंजूरी मिल चुकी है। उद्योग विभाग के उच्च पदस्थ सूत्रों ने कहा कि झारखंड सरकार राज्य को उद्योग स्थापना के लिए ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ रैंकिंग में बेहतर स्थिति में लाने की दिशा में काम कर रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि इस कानून को प्रभावी ढंग से लागू किया गया तो राज्य में एमएसएमई क्षेत्र के विस्तार के साथ-साथ स्थानीय रोजगार को भी नई दिशा मिलेगी।

--आईएएनएस

एसएनसी/डीकेपी

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