हैवानियत: स्कूल परिसर में आठ साल की बच्ची से चपरासी ने दोस्तों के साथ मिलकर किया गैंगरेप, CCTV फुटेज से हुआ सनसनीखेज मामले का खुलासा

कर्नाटक के मांड्या जिले में आठ साल की बच्ची के साथ हुई क्रूरता की घटना से सनसनी फैल गई है। सरकारी स्कूल परिसर में एक लड़की के साथ सामूहिक बलात्कार की घटना को अंजाम दिया गया है। इसके बाद भाजपा ने राज्य सरकार पर कानून व्यवस्था को लेकर सवाल उठाए हैं। पुलिस ने जांच शुरू कर दी है और सीसीटीवी फुटेज की जांच की जा रही है ताकि पता लगाया जा सके कि किन बदमाशों ने इस घटना को अंजाम दिया है। जानकारी के अनुसार, एक सरकारी स्कूल परिसर में आठ साल की बच्ची के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया, जिसमें तीन लोगों के शामिल होने की बात सामने आ रही है।
पुलिस ने बताया है कि तीन अज्ञात व्यक्तियों ने कथित तौर पर आठ साल की बच्ची के साथ सामूहिक बलात्कार किया, हालांकि यह घटना 31 जनवरी को हुई थी, लेकिन इसका पता रविवार, 2 फरवरी को चला। पुलिस के अनुसार, लड़की पेट दर्द से कराह रही थी और उसके गुप्तांगों से खून बह रहा था। लड़की ने अपनी मां को घटना के बारे में सब कुछ बताया, जिसके बाद रविवार को लड़की की मां की शिकायत के आधार पर तीन अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई।
पुलिस के मुताबिक, 31 जनवरी को जब बच्ची अपने घर के पास मैदान में खेल रही थी, तभी तीन अज्ञात लोग उसे बहला-फुसलाकर पास के सरकारी स्कूल में ले गए और उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया। बच्ची के साथ दरिंदगी करने के बाद आरोपियों ने उसकी हत्या कर दी। डराया-धमकाया और जान से मारने की धमकी दी। डरी सहमी लड़की जब घर पहुंची तो वह गायब थी और डर के मारे उसने परिवार में किसी को भी इस घटना के बारे में नहीं बताया। पुलिस ने स्पष्ट किया कि पीड़ित लड़की उस स्कूल में नहीं पढ़ती जहां यह क्रूर घटना घटी।
फिलहाल बच्ची को जिला सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया है, बाल विकास विभाग के काउंसलरों की एक टीम आज बच्ची और उसके परिवार से मुलाकात करेगी। पुलिस आरोपियों के बारे में सुराग पाने के लिए स्कूल के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की जांच कर रही है। इसके साथ ही विशेष टीमें बनाकर इस पूरे मामले की जांच की जा रही है।
इस घटना के बाद भाजपा ने कर्नाटक में सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी पर निशाना साधा है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष बीवाई विजयेंद्र ने सोशल मीडिया के जरिए राज्य में बिगड़ती कानून व्यवस्था से निपटने में मुख्यमंत्री और राज्य सरकार की क्षमता पर सवाल उठाए हैं।