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केंद्र ने एक और Naga group के साथ संघर्ष विराम समझौता किया

केंद्र ने एक और Naga group के साथ संघर्ष विराम समझौता किया

समाचार न्यूज़ डेस्क !!! नागा शांति प्रक्रिया के बीच, केंद्र और निकी सुमी के नेतृत्व वाले नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नागालैंड-खापलांग (एनएससीएन-के) के समूह ने बुधवार को एक साल के लिए 7 सितंबर 2022 तक संघर्ष विराम समझौते पर हस्ताक्षर किए। एनएससीएन-के निकी समूह के प्रतिनिधियों और गृह मामलों के अतिरिक्त सचिव के बीच समझौते पर हस्ताक्षर किए गए।

इस समझौते के साथ इस समूह के 200 से अधिक कार्यकर्ता शांति प्रक्रिया में शामिल हुए।

समझौते के अनुसार, "युद्धविराम 8 सितंबर, 2021 से 7 सितंबर, 2022 तक एक वर्ष की अवधि के लिए लागू होगा। युद्धविराम दोनों पक्षों द्वारा पारस्परिक रूप से सहमत और नियमों के पालन के अधीन होगा। संघर्ष विराम के नियम दोनों पक्षों की भागीदारी के साथ पारस्परिक समीक्षा और संशोधन के अधीन होंगे।"

गृह मंत्रालय पहले ही एनएससीएन-आईएम के साथ एक 'फ्रेमवर्क एग्रीमेंट' पर हस्ताक्षर कर चुका है और अन्य नागा समूहों, एनएससीएन-एनके, एनएससीएन-आर, और एनएससीएन-के-खांगो के साथ युद्धविराम समझौते पहले से ही मौजूद हैं।

केंद्र ने अगस्त 2019 में त्रिपुरा के नेशनल लिबरेशन फ्रंट ऑफ ट्विप्रा-एसडी के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे, जिसके द्वारा इसके 88 कैडर 44 हथियारों के साथ त्रिपुरा में मुख्यधारा में शामिल हो गए थे।

मंत्रालय ने जनवरी 2020 में एक बोडो समझौते पर हस्ताक्षर किए थे, जिसके तहत नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ बोरोलैंड (एनडीएफबी) के सभी गुटों सहित विद्रोही समूहों के 2,250 से अधिक कैडर, 423 हथियारों और भारी मात्रा में गोला-बारूद के साथ असम में आत्मसमर्पण कर दिया था और मुख्यधारा शामिल हो गए।

इसी तरह इस साल 23 फरवरी को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने भी कार्बी समूहों के साथ एक शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए और असम के विभिन्न भूमिगत कार्बी समूहों के कुल 1,040 नेताओं और कार्यकतार्ओं ने 338 हथियारों के साथ आत्मसमर्पण किया।

4 सितंबर को, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा, केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल और छह कार्बी संगठनों के प्रतिनिधियों की उपस्थिति में यहां एक त्रिपक्षीय 'कार्बी शांति समझौते' पर हस्ताक्षर किए, जिससे असम में एक दशक से चल रहे आंदोलन और अशांति का अंत हो गया।

--आईएएनएस

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