पासवर्ड में छिपी अधूरी मोहब्बत! लोग अपने EX के नाम पर क्यों रखते है पासवर्ड ? जाने इस दिमागी ‘लोचा’ के पीछे की मनोवैज्ञानिक वजहें
क्या यह अजीब नहीं है? पासवर्ड जैसी प्राइवेट और सीक्रेट चीज़ में भी अक्सर पुराने रिश्तों की यादें रह जाती हैं। हर दिन, अपना फ़ोन अनलॉक करते समय, ईमेल में लॉग इन करते समय, या अपना लैपटॉप ऑन करते समय, लोग चुपचाप (या कभी-कभी ज़ोर से भी) अपनी एक्स-गर्लफ्रेंड, एक्स-बॉयफ्रेंड, या क्रश का नाम दोहराते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि साइबर सिक्योरिटी की दुनिया में, एक्स का नाम इस्तेमाल करना बहुत कमज़ोर पासवर्ड माना जाता है? हालांकि, मनोवैज्ञानिक तौर पर, यह आपकी यादों, लगाव और अधूरे इमोशन्स की कहानी बताता है। हो सकता है कि आपने या आपके जानने वाले कई लोगों ने अलग-अलग चीज़ों के लिए अपने एक्स का नाम पासवर्ड के तौर पर इस्तेमाल किया हो। आज, हम आपको पासवर्ड के तौर पर एक्स का नाम इस्तेमाल करने के पीछे के मनोवैज्ञानिक कारणों के बारे में बताएंगे।
पासवर्ड के तौर पर एक्स का नाम इस्तेमाल करने के 3 कारण
आजतक पॉडकास्ट के अनुसार, इसका जवाब आसान है। पासवर्ड सिर्फ़ टेक्निकल नहीं होता; यह एक इमोशनल सहारा भी होता है। जब कोई रिश्ते में बहुत करीब होता है, तो उसका नाम दिमाग में गहराई से बस जाता है। ब्रेकअप के बाद भी, वह नाम तुरंत दिमाग में आता है, इसीलिए बहुत से लोग इसे पासवर्ड के तौर पर इस्तेमाल करते हैं। ऐसा तीन कारणों से होता है: इमोशनल यादें, पुरानी यादें और अधूरा लगाव, और कंट्रोल या पावर डायनामिक्स। आसान शब्दों में, पासवर्ड बनाते समय, दिमाग लॉजिक से नहीं, बल्कि दिल से काम करता है, इसलिए एक्स का नाम, यादों के साथ, पासवर्ड में आ जाता है।
एक्सपर्ट्स क्या कहते हैं?
दिमाग इसे नहीं भूलता, यहां तक कि ऑटोपायलट पर भी, लेकिन साइबर सिक्योरिटी के नज़रिए से, इन्हें बहुत कमज़ोर और खतरनाक पासवर्ड माना जाता है। पासवर्ड के तौर पर एक्स का नाम इस्तेमाल करने के पीछे कुछ इमोशनल कारण भी होते हैं, जिन्हें समझना ज़रूरी है।
आसानी से याद आने वाली यादें
Cosmopolitan.in के अनुसार, मनोवैज्ञानिकों का मानना है कि पासवर्ड अक्सर उन चीज़ों से बनाए जाते हैं जो दिमाग में सबसे ज़्यादा अपने आप आती हैं, जैसे किसी का नाम, पुराना क्रश, या कोई याद। लोग अक्सर लंबे समय तक रिश्तों में एक ही पैटर्न फॉलो करते हैं, इसलिए एक्स का नाम मसल मेमोरी जैसा बन जाता है, और ब्रेकअप के बाद भी यह उनके दिमाग से नहीं निकलता।
लगाव और ब्रेकअप
Attachmentproject.com के अनुसार, हमारे एक्स अक्सर एक लगाव का प्रतीक बन जाते हैं। ब्रेकअप के बाद, दिमाग को उस रिश्ते से जुड़ी चीज़ों (नाम, समय, तारीखें, जगहें) को छोड़ने में समय लगता है। Marriage.com के अनुसार, जो लोग ब्रेकअप के बाद बार-बार अपने एक्स के बारे में सोचते हैं, वे अनजाने में अपने एक्स के नाम का इस्तेमाल करके पासवर्ड बनाते हैं ताकि वे अपनी यादों से जुड़े रह सकें।
कंट्रोल, सीक्रेट लिंक, और पैसिव-एग्रेसन
Talktoangel.com के अनुसार, कुछ मामलों में, एक्स के नाम से पासवर्ड बनाना एक सीक्रेट "इमोशनल लिंक" बनाए रखने जैसा है। यह खुद से यह कहने जैसा है कि यह चैप्टर अभी पूरी तरह से बंद नहीं हुआ है। ToiTime का कहना है कि कुछ पार्टनर जानबूझकर अपने एक्स या पुराने क्रश के नाम का इस्तेमाल पासवर्ड के तौर पर करते हैं, जो उनके मौजूदा पार्टनर के प्रति पैसिव-एग्रेसिव बिहेवियर या छिपी हुई नाराजगी का एक रूप होता है।
नेगेटिव भावनाओं को छिपाने की कोशिश
Attachmentproject.com के अनुसार, बचने वाले या अपनी भावनाओं को दबाने वाले लोग ब्रेकअप के दर्द का सीधे सामना करने के बजाय अक्सर ऐसे इनडायरेक्ट रास्ते अपनाते हैं। वे ऊपर से नॉर्मल दिखते हैं, लेकिन अंदर से, वे किसी न किसी बहाने से अपने एक्स की याद को ज़िंदा रखने की कोशिश करते हैं। इस तरह का छिपा हुआ कनेक्शन दिमाग को कुछ समय के लिए आराम देता है, लेकिन आखिर में आगे बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा कर देता है।
सीक्रेट कहानी और पहचान का हिस्सा
Cosmopolitan.in के अनुसार, कुछ लोगों के लिए, पासवर्ड उनकी पर्सनल कहानी, फैंटेसी या रिलेशनशिप हिस्ट्री के लिए एक प्राइवेट कोड बन जाता है, जो बाहर से दिखाई नहीं देता, लेकिन उन्हें अंदर से अच्छा महसूस कराता है। जब रिलेशनशिप बहुत इंटेंस था या पहला प्यार था, तो पासवर्ड में एक्स के नाम का इस्तेमाल करना उस रिलेशनशिप को अपनी पहचान में हमेशा के लिए शामिल करने जैसा भी लग सकता है।

