अक्टूबर माह में इस दिन है पापांकुशा एकादशी व्रत, जानिए मुहूर्त और व्रत का महत्व
ज्योतिष न्यूज़ डेस्क: हिंदू धर्म में एकादशी तिथि को विशेष माना जाता हैं यह व्रत सभी व्रतों में सबसे कठिन होता हैं एकादशी के व्रत का बहुत अधिक महत्व भी हैं अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को पापांकुशा एकादशी के नाम से जाना जाता हैं
इस साल पापांकुशा एकादशी व्रत 16 अक्टूबर के दिन पड़ रही हैं इसमें भगवान पद्मनाभ की पूजा की जाती हैं इतना ही नहीं जो भी इस व्रत को करता हैं उसे तप के समान फल की प्राप्ति होती हैं इस दिन मौन रहकर श्री विष्णु की पूजा आराधना करने से शुभ फल की प्राप्ति होती हैं इतना ही नहीं श्री विष्णु की विधिवत तरीके से पूजा करने से भक्तों की सभी इच्छाएं पूरी हो जाती हैं तो आज हम आपको इस व्रत के बारे में बता रहे हैं तो आइए जानते हैं।
जानिए पापांकुशा एकादशी का शुभ मुहूर्त—
अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 15 अक्टूबर को शाम 6 बजकर 5 मिनट से आरंभ हो जाएगी और एकादशी तिथि का समापन 16 अक्टूबर दिन शनिवार की शाम 5 बजकर 37 मिनट पर होगा वही एकादशी व्रत का पारण 17 अक्टूबर, दिन रविवार को किया जाएगा। व्रत पारण का मुहूर्त 17 अक्टूबर, रविवार को सुबह 6 बजकर 28 मिनट से सुबह 8 बजकर 45 मिनट तक रहेगा। व्रत का पारण इसी समय के बीच करना जरूरी होता हैं वरना व्रत का फल प्राप्त नहीं होता हैं।
जानिए पापांकुशा एकादशी व्रत का महत्व—
वर्षभर में आने वाली सभी एकादशी का अपना अलग महत्व होता हैं अश्विन मास की पापांकुशा एकादशी व्रत का भी खास महत्व हैं पापांकुशा एकादशी का व्रत करने से यमलोक में यातनाएं नहीं सहनी पड़ती हैं कहते हैं कि जीवन में किए गए सभी पापों से एक बार में ही मुक्ति पाने के लिए ये व्रत रखा जाता हैं इस व्रत से एक दिन पहले दशमी के दिन गेहूं, उड़द, मूंग, चना, जौ, चावल और मसूर की दाल का सेवन भूलकर भी न करें। इस व्रत के प्रभाव से व्रती, बैकुंठ धाम प्राप्त करता हैं।