Samachar Nama
×

16 ​श्रृंगार से सज कर सुहागिनें करती है वट सावित्री की पूजा, जानिए महत्व

Vat savitri vrat 2022 do puja of goddess savitri and banyan

ज्योतिष न्यूज़ डेस्क: हिंदू धर्म में वट सावित्री व्रत को बेहद ही खास माना जाता है वही आने वाली 30 मई को वट सावित्री का व्रत रखा जाएगा। इस दिन ज्येष्ठ मास की अमावस्या और सोमवार है यह इस साल की आखिरी सोमवती अमावस्या होगी। इसलिए आने वाली 30 मई को व्रत का महत्व और अधिक बढ़ गया है

Vat savitri vrat 2022 do puja of goddess savitri and banyan

इस दिन शादीशुदा महिलाएं बरगद के पेड़ की पूजा करती है और अपने पति की लंबी उम्र की कामना करती है बरगदाही के नाम से भी जाना जाने वाला यह व्रत भी सुहागिन महिलाओं के लिए करवाचौथ के व्रत के समान ही फलदाई होता है, तो आज हम आपको इस व्रत के बारे में बता रहे हैं तो आइए जानते हैं। 

Vat savitri vrat 2022 do puja of goddess savitri and banyan

वट सावित्री व्रत की पूजा विधि—  
इस दिन सुहागिन महिलाएं अपने शादी का जोड़ा पहनकर, सोलह सिंगार करके, दो टोकरियों में सामान भरकर, बरगद के पेड़ के पास जाकर प्रथम पूज्य श्री गणेश भगवानकी पूजा करती है शिव और पार्वती की भी पूजा करती है साथ ही सावित्री और सत्यवान की पूजा करती है बरगद के पेड़ पर जल चढ़ाती है रोली कुमकुम से बरगद पेड़ पर तिलक लगाती है कच्चा सूत लपेटकर 108 बार बरगद के पेड़ की परिक्रमा करती है उन 108 बार की परिक्रमा में हर बार मूंगफली के दाने बरगद के पेड़ को समर्पित करती है सुहागिन महिलाएं बरगद के पेड़ के समान ही अपने पति की लंबी उम्र की कामना मृत्यु के देवता यमराज से करती है। 

Vat savitri vrat 2022 do puja of goddess savitri and banyan
  
मान्यता है कि इस दिन बरगद के पेड़ की पूजा विधि विधान से करने पर सुहागिन महिलाओं के सुहाग में बढ़ोत्तरी होती है जैसे सावित्री ने हठ पूर्वक यमराज से सत्यवान के प्राणों की रक्षा की थी। उसी तरह सुहागिन महिलाएं बरगदाही व्रत का नियम पूर्वक पलन करके और वट वृक्ष की विधिवत पूजा करके अपने पति की लंबी आयु की कामना करती है इससे उनके घर पर आने वाला संकट टल जाता है आर्थिक संकटों से मुक्ति मिल जाी है गृह क्लेश और अन्य बाधाओं से मुक्ति प्राप्त होती है। 

Vat savitri vrat 2022 do puja of goddess savitri and banyan

Share this story