गजब हो गया! KBC के सेट पर सरेआम इस बच्चे ने अमिताभ बच्चन से की बदतमीजी, जनता ने पैरेंट्स को सुनाई खरी-खरी
केबीसी यानी कौन बनेगा करोड़पति के 17वें सीज़न में एक मेहमान ने होस्ट और महानायक अमिताभ बच्चन से लेकर पूरी ऑडियंस तक, सबको चौंका दिया। यह मेहमान पाँचवीं कक्षा का एक छात्र था जिसका नाम इशित भट्ट था। यह बच्चा अपनी बुद्धिमत्ता के लिए नहीं, बल्कि अपने अति आत्मविश्वास और बदतमीज़ी के लिए लोगों के निशाने पर आ गया। सोशल मीडिया पर लोग न सिर्फ़ इशित, बल्कि उसके माता-पिता को भी निशाने पर ले रहे हैं।
Very satisfying ending!
— THE SKIN DOCTOR (@theskindoctor13) October 12, 2025
Not saying this about the kid, but the parents. If you can't teach your kids humility, patience, and manners, they turn out to be such rude overconfident lot. Not winning a single rupee will surely pinch them for a long time.
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क्या था मामला?
दरअसल, इशित शो में पहुँचे और हॉट सीट पर बैठे। पहुँचते ही उन्होंने "सदी के महानायक" कहे जाने वाले अमिताभ बच्चन से ऐसे अंदाज़ में बात की जो सोशल मीडिया यूज़र्स को रास नहीं आई। वह कभी अमिताभ बच्चन को बीच में ही टोक देते, तो कभी होस्ट के विकल्पों को सुने बिना ही जवाब दे देते। कई मौकों पर तो उन्होंने होस्ट को बात बंद करके और सवाल पूछने की सलाह भी दे डाली।
माता-पिता पर सोशल मीडिया का गुस्सा
वीडियो वायरल होने के बाद से ही सोशल मीडिया इशित को निशाने पर ले रहा है। साथ ही, उनके माता-पिता की परवरिश पर भी सवाल उठ रहे हैं। इस बीच, अमिताभ बच्चन की सहनशीलता की तारीफ़ हो रही है। एक कमेंट में लिखा है, "उसके माता-पिता इस व्यवहार को कितने गर्व से देख रहे हैं... ऐसे माता-पिता को शर्म आनी चाहिए।"
रग्गा नाम के एक यूज़र लिखते हैं, "कितनी सहनशीलता दिखाई है श्री अमिताभ बच्चन ने! मैं तो उन्हें इतनी ज़ोर से डाँटता कि ज़िंदगी भर याद रहता। वो बहुत बदतमीज़ बच्चा है। उसकी परवरिश बहुत खराब हुई है।" विक्कू वोरा लिखते हैं, "मैं भी समझ सकता हूँ कि श्री अमिताभ बच्चन ने खुद को कितना संयमित किया होगा। अगर मैं उनकी जगह होता, तो अपना जूता निकालकर उसे मार देता। बदतमीज़ बच्चे, आजकल के माता-पिता कैसे संस्कार दे रहे हैं।"
एक यूज़र ने वीडियो देखने के बाद X पर कमेंट किया, "अगर वो जीत जाता, तो मैं केबीसी देखना बंद कर देता।" गगन चौधरी नाम के एक यूज़र ने लिखा, "घर जाकर उसके माता-पिता ने ज़रूर उसे पीटा होगा।" उत्कर्ष राज पीयूष लिखते हैं, "बच्चा कितना भी अति-आत्मविश्वासी क्यों न हो, कम से कम बड़ों से बात करने की तमीज़ तो होनी ही चाहिए।" एक अन्य यूजर ने लिखा, "यही हमारे समाज और माता-पिता की समस्या है। उन्हें लगता है कि किताबी ज्ञान ही काफी है। वे पूछते हैं कि बड़े होकर क्या बनना चाहते हो, लेकिन कभी यह नहीं बताते कि अच्छा इंसान कैसे बनना है। कोई दया या नैतिकता नहीं सिखाता।"

