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Varanasi सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति करेंगे निगरानी

Varanasi सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति करेंगे निगरानी

उत्तरप्रदेश न्यूज़ डेस्क  एनजीटी (राष्ट्रीय हरित अधिकरण) ने असि और वरुणा नदियों के कायाकल्प और पुनरुद्धार कार्य की निगरानी के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति एसवीएस राठौर की अगुवाई में समिति का गठन किया है। साथ ही वाराणसी कमिशनर और डीएम को कायाकल्प के कार्यों की प्रगति वेबसाइट पर अपडेट करने को कहा है

ताकि आम जनता भी इसमें भागीदार बन सके।
बनारस के अधिवक्ता सौरभ तिवारी की याचिका पर एनजीटी चेयरमैन न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल की अगुवाई में न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल व विशेषज्ञ सदस्य डॉ. नागीन नंदा की बेंच सुनवाई कर रही थी। मंगलवार शाम जारी 40 पेज के आदेश में नमामि गंगे के साथ उत्तर प्रदेश सरकार को योजना की फंडिंग की जिम्मेदारी दी गई है। नमामि गंगे को फंड की दिक्कत होने पर प्रदेश सरकार इसकी पूर्ति करेगी। एनजीटी की बनाई स्वतंत्र निगरानी समिति ने 18 अगस्त को अपनी 220 पृष्ठ की कार्ययोजना प्रस्तुत की थी। कार्ययोजना में कुछ बदलाव के साथ इसके क्रियान्वयन के लिए आयुक्त के नेतृत्व में पर्यवेक्षक समिति का गठन हुआ है। यह समिति हर तीन महीने पर प्रगति की समीक्षा करेगी। जिलाधिकारी के नेतृत्व में क्रियान्वयन समिति का गठन किया गया है जो हर महीने बैठक कर दोनों नदियों के अतिक्रमण मुक्ति कार्य प्रगति की समीक्षा व क्रियान्वयन की रुपरेखा तैयार करेगी। कमिश्नर और डीएम को योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए एक पर्यावरणविद को अपने कार्यालय से जोड़ने का भी आदेश दिया गया है।

वाराणसी न्यूज़ डेस्क

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