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Varanasi  मुख्तार गिरोह का परवेज धोखाधड़ी में गिरफ्तार,सिटी रेलवे स्टेशन की पार्किंग के ठेके के नाम पर दिया था झांसा 

रांची के एक एंटरप्रेन्योर अजय सिंह से 68 लाख रुपए की ठगी करने वाले शख्स विशाल कुमार पांडेय को दिल्ली में गिरफ्तार कर लिया गया है।  रांची से दिल्ली गई पुलिस की टीम ने वहां की पुलिस की मदद से उसे द्वारका सेक्टर-17 में एक फ्लैट से गिरफ्तार किया। पुलिस उसे लेकर शुक्रवार को रांची पहुंचेगी। ठगी के मामले में पुलिस को लंबे समय से उसकी तलाश थी।  दो दिन पहले सोशल मीडिया में विशाल की एक तस्वीर सामने आई, जिसमें वह चिराग पासवान के नेतृत्व वाली लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) की सदस्यता ले रहा था। इसी तस्वीर से रांची पुलिस को जानकारी मिली कि वह इन दिनों दिल्ली में ही टिका है। इसके बाद उसकी गिरफ्तारी हो पाई।  रांची के रहने वाले एंटरप्रेन्योर अजय सिंह से स्थानीय पंडरा थाने में उसके खिलाफ एफआईआर की थी, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि रेलवे का ठेका दिलाने के नाम पर उसने 68 लाख रुपए ठग लिए। यह मामला 2021 का था।  एफआईआर में उन्होंने यह भी शिकायत की थी कि जब उन्होंने विशाल पांडे से रकम मांगी तो उसने जान से मार डालने की धमकी दी। विशाल पांडेय मूल रूप से बिहार के आरा का रहने वाला है। पुलिस ने वहां उसके मौलबाग स्थित आवास पर कई दफा छापामारी की थी, लेकिन वह हर बार चकमा देकर बच निकलता था।

उत्तरप्रदेश न्यूज़ डेस्क  सिटी रेलवे स्टेशन पर पार्किंग के ठेके को लेकर 23.65 लाख की धोखाधड़ी में मुख्तार अंसारी गिरोह के परवेज अहमद खान को आदमपुर पुलिस ने  जलालपुरा से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. धोखाधड़ी में परवेज की पत्नी अख्तरी बानो और सूजाबाद का विनय गुप्ता भी आरोपी हैं. परवेज मोहम्मदाबाद (गाजीपुर) के महेंद गांव का मूल निवासी है. वह मुख्तार के खास अशोकविहार कॉलोनी के मेराज का भांजा है. परवेज पर पहले से कैंट थाने में धोखाधड़ी, रंगदारी, मारपीट, धमकी के पांच केस दर्ज हैं.

राजघाट के नया महादेव निवासी मारुति शंकर शुक्ला ने उसके खिलाफ बीते साल सितंबर में केस दर्ज कराया था. बताया था कि विनय गुप्ता उसका परिचित है. उसके माध्यम से परवेज से मुलाकात हुई. इसके बाद साझेदारी में बनारस सिटी स्टेशन पर पार्किंग का ठेका लेने की बात कही. बात तय होने पर मारुति ने कई बार में परवेज को 3.15 लाख रुपये दिये. परवेज ने बीते साल 18 अप्रैल को बताया कि ई-ऑक्शन से आवेदन कर दिया है.

अगले दिन विनय और परवेज ने टेंडर पेपर की प्रति भी दी. उसपर लिखे नदेसर स्थित आफिया इंटरप्राइजेज के बारे में पूछने पर परवेज ने बताया कि वह सभी टेंडर पत्नी के फर्म के नाम से लेता है. साझेदारी अनुबंध पत्र बनाने की बात पर 22 अप्रैल को परवेज ने पत्नी अख्तरी बानो को लाकर विनय समेत दो गवाह के हस्ताक्षर कराए और एक प्रति उसे दी. इसमें 50 फीसदी हिस्सेदारी मारुति शंकर की लिखी थी. टेंडर राशि 57 लाख 786 में मारुति को 28 लाख 50 हजार 393 रुपए देने थे. 23 लाख 65 हजार रुपये देने के बाद जब मारुति शंकर ने टेंडर के कार्य के बारे में पूछताछ की तो परवेज हीला हवाली करने लगा.

इस पर जानकारी लेने मारुति शंकर लहरतारा स्थित डीआरएम कार्यालय पहुंचे. वहां बताया गया कि एग्रीमेंट पेपर में कुछ जगह धनराशि, पता, प्रतिशत आदि एडिट कर गलत पेपर दिया गया है. यही नहीं रुपये जमा न करने पर टेंडर कैंसिल भी किया जा चुका है. इस पर मारुति शंकर ने विनय और परवेज से बात की तो दोनों धमकी देने लगे. परवेज ने अपने मामा का नाम लेकर जान से मारने की धमकी दी और रुपये वापस करने से इनकार कर दिया. गिरफ्तारी करने वाली टीम में इंस्पेक्टर वीरेंद्र सोनकर, उप निरीक्षक बलिराम यादव, विजय कुमार चौधरी, राजकुमार, नेहा नायक थीं.

 

 

वाराणसी न्यूज़ डेस्क

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