Sirohi में खालिस्तान की मांग करने वालों को चुनौती, एमएस बिट्टा बोले- भारत माता के सपूत ऐसा कभी नहीं होने देंगे

राष्ट्रीय आतंकवाद विरोधी मोर्चा के अध्यक्ष एम.एस. बिट्टा ने सिरोही और गोडवाड़ में अपने प्रवास के दौरान विभिन्न धार्मिक स्थलों का दौरा किया। उन्होंने रानी के मरुधर विद्यापीठ में एक कार्यक्रम में भी भाग लिया और विद्यार्थियों का मार्गदर्शन किया।
अपने संबोधन में उन्होंने देश के महापुरुषों की जीवनी पढ़ने का आह्वान किया। उन्होंने मूल्यों और देशभक्ति से ओतप्रोत रोजगारोन्मुखी शिक्षा की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने शहीद भगत सिंह, सुभाष चंद्र बोस, पंडित जवाहरलाल नेहरू, सरदार पटेल, अब्दुल कलाम, कल्पना चावला, मनमोहन सिंह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जीवन से सीख लेने की भी बात कही।
बिट्टा ने पंजाब में खालिस्तान की मांग करने वालों को चुनौती देते हुए कहा कि भारत माता के सपूत ऐसा कभी नहीं होने देंगे। उन्होंने विद्यावाड़ी स्कूल परिसर का निरीक्षण किया और ट्रस्ट बोर्ड, प्रधानाचार्य और प्रबंधन टीम के समर्पण की सराहना की।
फालना में 85 किलो सोने से बने स्वर्ण मंदिर में भगवान शंखेश्वर पार्श्वनाथ के दर्शन करने के बाद बिट्टा ने जिले के विभिन्न धार्मिक स्थलों का दौरा किया। मांडोली पहुंचकर उन्होंने दादा गुरुदेव शांतिसूरीजी मंदिर में ध्वजारोहण किया, पिंडवाड़ा रेलवे स्टेशन के पास स्थित प्राचीन सरस्वती मंदिर में मां सरस्वती की पूजा-अर्चना की तथा सरकार से इस मंदिर के विकास के लिए मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने की अपील की।
यहां उन्होंने आचार्य उदयवलभसूरि और हृदयवलभसूरि से मुलाकात की और जैन दर्शन पर चर्चा की। प्रधानाचार्य ने लोगों से मांस के निर्यात को रोकने के लिए आवाज उठाने का अनुरोध किया। धान्ता गांव में सच्चियाय माताजी मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा में भाग लिया और तपस्वी संत 1008 श्री चंदनगिरी महाराज से आशीर्वाद प्राप्त किया। बिट्टा ने पावापुरी तीर्थ स्थल जीव मैत्री धाम में भगवान शंखेश्वर पार्श्वनाथ के दर्शन किए तथा आचार्य भगवंत श्री मेघवल्लभसूरिजी की समाधि स्थल पर पुष्पांजलि अर्पित की।