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Sawai madhopur 64 संविदाकर्मी, 203 नियमित सफाईकर्मी व करोड़ों की मशीनें, फिर भी शहर बना है डंपिंग यार्ड

Sawai madhopur 64 संविदाकर्मी, 203 नियमित सफाईकर्मी व करोड़ों की मशीनें, फिर भी शहर बना है डंपिंग यार्ड

राजस्थान न्यूज़ डेस्क  करीब सवा लाख से अधिक आबादी वाले सवाई माधोपुर शहर को साफ-सुथरा बनाए रखने के लिए नगर परिषद में 203 नियमित सफाईकर्मी व 64 संविदा कर्मी कार्यरत है। इनके वेतन व मानदेय पर हर माह लाखों रुपए खर्च किए जाते हैं। इसके अलावा घर-घर कचरा संग्रहण के लिए ऑटो टीपर से लेकर डंपर, कॉन्ट्रेक्टर सहित भारी भरकम संसाधनों का बेड़ा है। इसके बावजूद शहर में सफाई की व्यवस्था हाल-बेहाल है। नगर परिषद के अव्यवस्थित मैनेजमेंट के कारण ही स्वच्छता सर्वेक्षण की सूची में गत वर्ष की अपेक्षा सवाई माधोपुर 215वीं रैंक से फिसलकर 410वीं रैंक पर पहुंच गया।


48 घंटे तक नहीं उठ रहा है मुख्य मार्ग से कचरा: शहर में जगह-जगह कचरे के ढेर लगे होने से पूरा शहर डंपिंग यार्ड बना हुआ नजर आता है। खासकर रविवार को अवकाश के दिन शहर के हरसहाय जी का कटला, पुरानी निजामत के बाहर, खंडार बस स्टैंड पेट्रोल पंप के पास, गुरुद्वारा के पास नृसिंहजी की बगीची सहित अन्य जगहों पर ऐसे दृश्य आम बात है। यह डंपिंग यार्ड आसपास के लोगों ने नहीं बल्कि नगर परिषद के सफाई कर्मियों ने बनाए है। अगर मुख्य मार्ग पर कचरा शनिवार को दोपहर 1 बजे बाद डाला जाता है तो वह सोमवार को 1 बजे के करीब भी उठता है। ऐसे में कम से कम 48 घंटे तक वहां कचरा जमा होता रहता है। दुपहिया हो चाैपया या बड़े वाहन व पैदल लोग उस भारी भरकम गंदगी के अंबार से निकलने को विवश है। नगर परिषद में बिगड़ी सफाई व्यवस्था के कारण शहर की गिरी रेंकिंग के बारे में जब स्वच्छता सर्वेक्षण प्रभारी नीलम कोठारी से बात की गई तो उस समय उनको इतना भी पता नहीं था कि पूर्व में सवाई माधोपुर की रेंकिंग कितनी थी और अब कितनी है।
सवाईमाधोपुर न्यूज़ डेस्क  

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