
उत्तरप्रदेश न्यूज़ डेस्क सेक्टर बीटा-2 पुलिस और एएनटीएफ मेरठ की टीम ने मादक पदार्थ चरस की तस्करी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश कर सरगना नेपाली नागरिक समेत बुआ और भतीजे को गिरफ्तार किया. उनके पास से पांच किलो 500 ग्राम चरस बरामद हुई, जिसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत लगभग 55 लाख रुपये है.
ग्रेटर नोएडा के एडीसीपी अशोक कुमार ने बताया कि सेक्टर बीटा-2 पुलिस और एएनटीएफ मेरठ की टीम ने की रात यमुना एक्सप्रेसवे के जीरो प्वाइंट से तस्करों को गिरफ्तर किया. उनकी पहचान भाकसु कामी उर्फ बागसुर कामी निवासी जिला रोलपा नेपाल, धीरज सिंह सामन्त निवासी जनपद नैनीताल उत्तराखंड और तुलसी देवी उर्फ मोटी निवासी नैनीताल उत्तराखंड के रूप में हुई. रोलपा फिलहाल दिल्ली के रोहिणी में रहता है.
कोतवाली प्रभारी ने बताया कि पकड़े गए आरोपियों का चरस तस्करी का एक सक्रिय गिरोह है. आरोपी भाकसु कामी उर्फ बागसुर कामी इस गिरोह का सरगना है. आरोपी धीरज सिंह सामन्त की तुलसी देवी सगी बुआ है. यह इस गैंग के सदस्य हैं. भाकसु कामी उर्फ बागसुर कामी नेपाल से चरस लेकर आता है, जिसे धीरज अपनी बुआ तुलसी के साथ मिलकर दिल्ली, हरियाणा, हरिद्वार, मुजफ्फरनगर, शामली और दिल्ली-एनसीआर में लोगों को फुटकर में बेच कर मुनाफा कमाते हैं. महिला तुलसी के खिलाफ थाना छपार जनपद मुजफ्फरनगर में मुकदमा दर्ज है, जिसमें यह वांछित चल रही थी.आरोपियों के पास से तीन मोबाइल, एक आधार कार्ड, एक नेपाली नागरिकता प्रमाणपत्र और दो हजार रुपये बरामद किए गए. पुलिस उनके अन्य आपराधिक इतिहास के बारे में जानकारी जुटा रही है.
दिल्ली एनसीआर में बुआ-भतीजा चरस की पुड़िया बनाकर बेचते थे. कॉलेज में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं तक भी इसकी सप्लाई की जाती थी. वे छोटे-छोटे तस्करों को भी चरस उपलब्ध कराते थे. वे कहां-कहां चरस की सप्लाई करते थे, पुलिस इसके बारे में जानकारी जुटा रही है.
वाहन से कुचलकर मजदूर की मौत
नवादा गांव में 32 वर्षीय दिलीप कुमार मजदूरी करता था. वह की सुबह काम पर जाने के लिए निकला था. नवादा गोल चक्कर के समीप किसी वाहन ने उसे टक्कर मार दी. घटना के बाद आरोपी चालक भाग गया. घायल दिलीप को कासना स्थित जिम्स अस्पताल पहुंचाया गया. डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. इस मामले में दिलीप के साले अजीत कुमार ने आरोपी वाहन चालक के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया है.
प्रतापगढ़ न्यूज़ डेस्क