बिहार न्यूज़ डेस्क मनरेगा मजदूरों की हाजिरी बनाने में फर्जीवाड़ा रोकने को एनएमएमएस (नेशनल मोबाइल मॉनीटरिंग सॉफ्टवेयर) एप लागू किया गया, लेकिन इसमें बड़े पैमाने पर खेल चल रहा है. जिले के चार प्रखंडों में हाजिरी बनाने में गड़बड़ी सामने आयी है. मजदूरों की फर्जी हाजिरी बना कर 50 लाख से अधिक राशि निकासी के प्रयास की संभावना है.
जिलास्तरीय जांच टीम ने कुढ़नी, कांटी, पारू और मोतीपुर प्रखंड में एनएमएमएस एप पर मजदूरों की हाजिरी बनाने को लेकर अपलोड फोटो में फर्जीवाड़ा पकड़ा है. कहीं रात में काम करते फोटो अपलोड किया गया है. एनएमएमएस से हाजिरी में गड़बड़ी की शिकायत पर विभाग ने निगरानी के लिए जिला स्तर पर टीम गठित की थी. टीम ने 16 और 18 को विभिन्न प्रखंडों में एप से बनी हाजिरी की समीक्षा की. इसमें अनियमितता मिली. हाजिरी बनाने में मिली गड़बड़ी में पीआरएस और मेट की भूमिका संदिग्ध पायी गई है. डीडीसी आशुतोष द्विवेदी ने मामले में चारों प्रखंडों के पीओ को पत्र जारी किया है. इसमें सभी पीओ को पीआरएस और मेट पर कार्रवाई की अनुशंसा संबंधित रिपोर्ट मांगी है.
कुढ़नी में सबसे अधिक अनियमितता हाजिरी बनाने में सबसे अधिक अनियमितता कुढ़नी प्रखंड में मिली है. शाहपुर मरीचा पंचायत में पांच योजनाओं में गलत तरीके से फोटो अपलोड किया गया है. इसके अलावा कांटी की दादर कोल्हुआ में एक, पारू की कटारू की तीन योजनाओं में हाजिरी बनाने में अपलोड फोटो में गड़बड़ी मिली है.
मीनापुर की 15 पंचायतों के पीआरएस से स्पष्टीकरण
मीनापुर प्रखंड की 15 पंचायतों में 10 से कम मजदूरों को काम उपलब्ध कराया गया है. इसमें अली नेऊरा, मकसुदपुर, हरशेर, कोईली, पैगंबरपुर, महदेईयां, हरकामानशाही, मझौलिया, नंदना, रानी खैरा उर्फ बनुआ, राघोपुर, तुर्की पश्चिमी, बेलाहीलच्छी, चतुर्सी और गोरीगामा पंचायत शामिल है. मीनापुर के कार्यक्रम पदाधिकारी ने इन सभी पंचायतों के पंचायत रोजगार सेवकों (पीआरएस) से स्पष्टीकरण मांगा है. इसकी जानकारी डीडीसी को दी गई है. बताया कि 25 को पंचायतवार समीक्षा की गई. इसमें पाया गया कि पंचायतों में शून्य या 10 से कम मजदूरों को काम उपलब्ध कराया जा रहा है.
पटना न्यूज़ डेस्क