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Noida  सुखबीर खलीफा समेत चार किसान जेल से रिहा

यूटिलिटी न्यूज़ डेस्क !!! अक्सर लोगों को सड़क पर जाम की समस्या का सामना करना पड़ता है. कई बार ऐसा होता है कि जाम में फायर सर्विस और एंबुलेंस भी फंस जाती है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि एम्बुलेंस का रास्ता रोकने पर भारी जुर्माना और जेल भी हो सकती है? भारत में यातायात नियमों के अनुसार आपातकालीन वाहनों को रोकना अपराध है। आज हम आपको अपनी खबर में बताएंगे कि अगर कोई एंबुलेंस का रास्ता रोकता है तो उसे क्या सजा मिल सकती है।  आपने सड़कों पर सायरन बजाते हुए तेज रफ्तार से दौड़ती हुई एंबुलेंस देखी होंगी। एम्बुलेंस में सायरन बजाने के पीछे का कारण यह है कि सड़क पर आगे चल रहे वाहन को पता चले कि एम्बुलेंस आ रही है और उसे रास्ता दे दें। एंबुलेंस में बैठकर अस्पताल जाने वाले ज्यादातर मरीज गंभीर हालत में होते हैं। इसलिए उन्हें समय पर अस्पताल पहुंचाना बहुत जरूरी है।  हालांकि, कई बार ऐसा होता है कि ट्रैफिक में लोग एंबुलेंस को रास्ता नहीं देते, जिसके कारण समय पर इलाज न मिलने से मरीज की मौत हो जाती है। अगर कोई जानबूझकर एंबुलेंस का रास्ता रोकता है तो उसके लिए मुसीबत खड़ी हो सकती है. इससे न सिर्फ व्यक्ति को भारी चालान भरना पड़ सकता है. बल्कि उसे जेल भी हो सकती है.  मोटर वाहन (संशोधन) अधिनियम, 2019 की धारा 194ई के अनुसार, राज्य सरकार द्वारा निर्दिष्ट अग्निशमन सेवा, एम्बुलेंस या आपातकालीन वाहनों के रास्ते में बाधा डालने पर छह महीने तक की कैद या 10,000 रुपये का जुर्माना या दोनों हो सकते हैं। इसलिए अगर आप रास्ते में हैं और आपको कोई एंबुलेंस दिखे तो भूलकर भी उसका रास्ता रोकने की कोशिश न करें. अगर आपने एंबुलेंस का रास्ता रोकने की कोशिश की तो आपको जेल हो सकती है. इसमें जुर्माना भी लगाया जा सकता है.

उत्तरप्रदेश न्यूज़ डेस्क  न्यायालय से जमानत मिलने के बाद किसान नेता सुखबीर खलीफा समेत चार और किसान  जेल से रिहा हो गए. किसान नेता सुनील फौजी और डॉ रुपेश वर्मा समेत तीन किसान अभी जेल में बंद है. कोर्ट से जमानत मिलने के बाद इनकी रिहाई होगी.

जेल से बाहर आने के बाद किसान नेता सुखबीर खलीफा ने फिर से आंदोलन की चेतावनी दी है. संयुक्त मोर्चा के बैनर तले किसान आंदोलन का नेतृत्व कर रहे किसान नेता सुखबीर खलीफा, डॉ रुपेश वर्मा और सुनील फौजी समेत सैकड़ों किसानों को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेजा था. न्यायालय से जमानत मिलने के बाद किसानों को जेल से रिहा किया गया. जेल अधीक्षक बृजेश कुमार सिंह ने बताया कि  को किसान नेता सुखबीर खलीफा समेत चार किसानों की रिहा किया गया. अब जेल में सुनील फौजी और रुपेश वर्मा समेत तीन किसान हैं. कोर्ट से जमानत का आदेश मिलने के बाद इनकी भी रिहाई की जाएगी. उधर,  जेल से बाहर आने पर सुखबीर खलीफा सहित अन्य किसानों का फूलमाला से स्वागत हुआ. सुखबीर खलीफा ने कहा कि जब तक किसानों की समस्याओं का समाधान नहीं होगा आंदोलन जारी रहेगा.

 

 

मोबाइल चोरी करने के मामले में आरोपी गिरफ्तार

रेकी करने के बाद घर में घुसकर मोबाइल चोरी करने वाले गिरोह के एक बदमाश को फेज दो थाने की पुलिस ने  गिरफ्तार कर लिया. चोरी के मोबाइल से आरोपी रकम दूसरे खाते में ट्रांसफर कर लेता था. आरोपी की पहचान पश्चिम बंगाल के पूर्वा मेधनीपुर निवासी कमल मांझी के रूप में हुई है. उसके दो साथियों को पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है.

थाना प्रभारी ने बताया कि कमल और उसके साथियों का एक संगठित गिरोह है. गिरोह के सदस्य रेकी करने के बाद घरों में घुसकर मोबाइल चोरी करते हैं. कुछ समय पहले कमल और उसके साथियों ने थानाक्षेत्र स्थित एक घर से दंपती का मोबाइल चुराया था. वारदात के कुछ ही मिनट बाद कमल ने चोरी के मोबाइल से एक लाख चार हजार रुपये ट्रांसफर कर लिए.

मामला प्रकाश में आने के बाद आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए टीमें बनाई गईं. पुलिस ने उस खाते को ट्रैक किया जिसमें आरोपियों ने रकम ट्रांसफर की थी

नोएडा न्यूज़ डेस्क

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