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Noida  ग्रेनो के सभी गोलचक्कर गोद देकर संवारे जाएंगे, अपना प्रचार कर सकती हैं संस्थाएं 

Noida  ग्रेनो में दो परियोजनाओं के खरीदारों को आशियाना मिलने की उम्मीद जगी

उत्तरप्रदेश न्यूज़ डेस्क  प्राधिकरण शहर के सभी गोलचक्करों को हरा- भरा और सुंदर बनाने में कंपनियों, शैक्षिक संस्थाओं और एनजीओ के साथ अन्य इच्छुक व्यक्तियों की मदद लेगा. इसके लिए एक निश्चित अवधि के लिए उन्हें गोद (एडॉप्शन) दिया जाएगा. रखरखाव सहित सारी जिम्मेदारी संबंधित संस्था की होगी.

प्राधिकरण के अनुसार ग्रेटर नोएडा में 34 गोलचक्कर हैं. इनके रखरखाव पर हर साल लाखों रुपये खर्च किए जाते हैं. प्राधिकरण ने इस खर्च को बचाने के लिए सभी गोलचक्करों को गोद देने की योजना बनाई है. इसके तहत कोई भी संस्था अपने आसपास स्थित गोलचक्कर को गोद ले सकती है. इसके लिए प्राधिकरण द्वारा कुछ मानक तय किए गए हैं. प्रथम चरण में अब तक 17 गोलचक्करों को गोद दिया जा चुका है. अब 12 गोलचक्करों को भी गोद देने की तैयारी है. प्राधिकरण के उद्यान विभाग के अधिकारी के मुताबिक गोद देने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है. जल्द ही औपचारिकता पूरी कर चिन्हित गोलचक्कर गोद दिए जाएंगे. संबंधित संस्था आवंटित किए गए गोलचक्कर की सही तरह से रखरखाव कर रही है या नहीं इसकी निगरानी की जाती है.

अपना प्रचार कर सकती हैं संस्थाएं गोद लेने वाली संस्था गोलचक्कर पर अपना प्रचार- प्रसार कर सकती है. गोद देने की प्रक्रिया के दौरान आवंटन से पूर्व कुछ सिक्योरिटी मनी जमा करा ली जाती है,जो बाद में वापस कर दी जाती है.

रखरखाव में लापरवाही अभी यह देखने में आया है कि कुछ संस्थाओं द्वारा गोद लिए गए गोलचक्करों के रखरखाव में लापरवाही बरती जा रही. गोद लेने के बाद भी गोलचक्कर की सुंदरता पर कोई खास फर्क नहीं पड़ा है. रायन गोलचक्कर और एटीएस गोलचक्कर का एडाप्शन इसी वजह से रद्द कर दिया गया है.

गोलचक्करों के रखरखाव को बेहतर बनाने के लिए गोद देने की योजना बनाई गई है. अब तक 17 गोलचक्कर गोद दिए जा चुके हैं. बाकी गोलचक्करों को गोद देने की प्रक्रिया चल रही है. गोलचक्करों को आकर्षक बनाकर शहर की सुंदरता बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है. -श्रीलक्ष्मी वीएस, एसीईओ, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण

 

नोएडा न्यूज़ डेस्क

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