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Muzaffarpur बैरिया बस टर्मिनल के लिए राशि जुटाएंगे, निजी फंड भी तलाशेंगे

रिश्वत लेने वालों को पकड़वाने में लोगों को सबसे अधिक डर इस बात का भी रहता है कि रिश्वत में दी गई उनकी राशि फंस जाएगी

बिहार न्यूज़ डेस्क  पटना के आईएसबीटी की तर्ज पर बन रहे बैरिया बस टर्मिनल के लिए फंड की विशेष व्यवस्था होगी. इसके लिए निजी निवेशकों से भी मदद ली जाएगी. इसको लेकर मुख्य सचिव ने पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत निवेश को लेकर विचार करने का निर्देश नगर विकास विभाग से सचिव को दिया है.

दरअसल, टर्मिनल के बजट में 50 प्रतिशत से अधिक कटौती से निर्माण या सुविधाओं का दायरा कम हो गया है. बेसमेंट व ग्राउंड फ्लोर के साथ उपर चार मंजिले बस टर्मिनल के प्रशासनिक भवन के बदले अब सिर्फ ग्राउंड फ्लोर तक ही निर्माण होना है. यात्री सुविधाएं भी कम कर दी गई है. मुख्य सचिव ने कहा है कि बस स्टैंड एरिया शहर के प्रमुख व्यावसायिक क्षेत्र में स्थित है. ऐेसी स्थिति में शेष मंजिलों के निर्माण के लिए उचित योजना बना कर निजी निवेशकों से निवेश प्राप्त करने पर मंथन करना चाहिए.

मालूम हो कि पहले बस टर्मिनल का बजट 137.79 करोड़ निर्धारित था. इस साल दो बार कटौती करते हुए इसे 65 करोड़ कर दिया गया. अगले साल मार्च 2025 में स्मार्ट सिटी का विस्तारित कार्यकाल भी खत्म हो जाएगा. ऐसे हालात में टर्मिनल को लेकर राशि के इंतजाम की कवायद चल रही है.

12 महीने में सिर्फ 13 प्रतिशत हुआ काम

टर्मिनल के बजट में भारी कटौती के बाद कुछ समय तक बस स्टैंड का कार्य भी बंद हो गया था. बाद में संशोधित प्लान को लेकर निर्माण एजेंसी और बुडको के बीच बातचीत में सहमति बनी. हालांकि अब भी निर्माण कार्य की गति धीमी है. टर्मिनल भवन का बेसमेंट व ग्राउंड फ्लोर ही बनना है. हालांकि अब तक बेसमेंट की ढलाई भी अधूरी है. इसी साल  2024 में एग्रीमेंट के बाद 15 महीने में 31 मार्च 2025 तक काम पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है. हालांकि 12 महीने में करीब 13 प्रतिशत काम ही हुए हैं. आरंभिक तीन महीने पुराने निर्माण तोड़ने में लग गए और बाद में मॉनसून व अन्य कारणों से भी देरी हुई.

परिसर में बनेगी डेढ़ किलोमीटर सड़क

7.49 एकड़ एरिया में बस टर्मिनल का परिसर होगा. इसमें करीब डेढ़ किमी सड़क का भी निर्माण कार्य होना है. बजट कम होने से टर्मिनल भवन से लेकर परिसर में उपलब्ध कराई जाने वाली यात्री सुविधा या निर्माण में भी कटौती करनी पड़ी है. खासकर डॉरमेट्री, वीआईपी वेटिंग रुम, रेस्टोरेंट, डीलक्स शौचालय जैसी व्यवस्था नहीं होगी. परियोजना के अंतर्गत टर्मिनल परिसर में 150 बसों के ठहराव के इंतजाम होंगे. 20 इलेक्ट्रिक बसों की क्षमता वाला चार्जिग स्टेशन होगा.

कार व ऑटो पार्किंग, गार्ड रुम आदि भी बनाए जाने हैं.

 

 

मुजफ्फरपुर न्यूज़ डेस्क 

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