बिहार न्यूज़ डेस्क स्मार्ट सिटी की परियोजना के तहत 1.34 करोड़ खर्च कर जीर्णोद्धार के बाद भी नगर भवन की दीवारों के पेंट व प्लास्टर उखड़ने लगा है. दो साल पहले ही शहर की ऐतिहासिक धरोहर 113 साल पुराने नगर भवन (1911 ई. में निर्मित) का जीर्णोद्धार हुआ था. हालांकि दो साल में ही बाहरी दीवार हर तरफ से बदरंग होने के साथ ही सीमेंट-बालू झड़ने लगे हैं. नतीजतन निर्माण कार्य की गुणवत्ता कठघरे में आ गई है. कुल 429 वर्गमीटर में काम हुआ था.
विशेषज्ञों के मुताबिक मानक के विपरीत काम होने से यह स्थिति है. स्मार्ट सिटी की सबसे पहले पूरी हुई इस परियोजना में निर्माण एजेंसी को राशि का भुगतान भी हो चुका है. स्मार्ट सिटी परामर्शदातृ समिति के सदस्य आर्किटेक्ट विपुल कुमार सिंह के मुताबिक प्रोजेक्ट में इस हेरिटेज बिल्डिंग को पूर्ववत रखना था पर पूरी तरह बदल दिया गया. इस मामले को समिति की बैठक में भी उठाया पर किसी स्तर पर ध्यान नहीं दिया गया.
साउंड की क्वालिटी भी ठीक नहीं : नगर भवन में साउंड की क्वालिटी भी गड़बड़ है. मानकों के अनुसार साउंड सिस्टम नहीं है, इस कारण आवाज गूंजने लगता है. कई बार बैठक या अन्य कार्यक्रमों के दौरान भी आवाज को लेकर समस्या होती है.
पुरानी तकनीक व ईंट से बने नगर भवन पर प्लास्टर में सावधानी नहीं बरतने से यह स्थिति है. दीवार की सही सफाई नहीं होने या कंक्रीट के मिश्रण में गड़बड़ी होने से प्लास्टर उखड़ता है. प्लास्टर सही नहीं होने पर पेंट भी नहीं टिकेगा.
- विपुल कुमार सिंह, आर्किटेक्ट
नगर भवन की फेसलिफ्टिंग के काम की गुणवत्ता संतोषजनक नहीं है. दीवारों से सीमेंट-बालू उखड़ रहे हैं. हाल में निरीक्षण के दौरान यह गड़बड़ी सामने आने पर संबंधित अधिकारियों को ठीक कराने के निर्देश दिए गए गए हैं.
- निर्मला साहू, मेयर.
मुजफ्फरपुर न्यूज़ डेस्क