
बिहार न्यूज़ डेस्क सरकारी अस्पतालों में चलने वाले जेनरेटर के बिल में भारी गड़बड़ी की आशंका जताई जा रही है. स्वास्थ्य विभाग ने इस पर नकेल कसने के लिए सभी जिलों को अस्पतालों में जेनरेटर चलने और बिजली कटने का ब्योरा मांगा है. स्वास्थ्य के उप सचिव अरविंद कुमार द्विवेदी इस बारे में सीएस और मेडिकल कॉलेज के प्राचार्यों को पत्र भेजा है. सभी अस्पतालों में बिजली की वैकल्पिक व्यवस्था के लिए जेनरेटर की सुविधा दी गई है. स्वास्थ्य विभाग के पत्र के बाद सिविल सर्जन ने सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को पत्र लिखकर विभाग के आदेश का पालन करने को कहा है.
20 घंटे बिजली, फिर भी चल रहा अधिक जेनरेटर : स्वास्थ्य विभाग के उप सचिव ने सीएस और मेडिकल कॉलेज के अधीक्षकों को भेजे पत्र में कहा है कि बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड पूरे राज्य में 20 घंटे बिजली मुहैया करा रही है. फिर भी सरकारी अस्पतालों से मिले बिल में कई असमानताएं मिली हैं. इस कारण इस मामले में सारी रिपोर्ट तैयार की जानी जरूरी है. उन्होंने पत्र में कहा है कि अस्पताल संचालन के साथ ऑक्सीजन प्लांट को चलाने के लिए भी जेनरेटर की सुविधा अस्पतालों को दी गई है.
प्रतिदिन बनेगी रिपोर्ट
● राज्य स्वास्थ्य विभाग ने सभी जिलों को दिया जेनरेटर चलने की रोज रिपोर्ट बनाने का निर्देश
● अस्पतालों में जेनरेटर चलने और बिजली कटने के समय का तैयार किया जाएगा डाटा
● सभी अस्पतालों को इससे संबंधित लॉगबुक बनाने का भी दिया गया है निर्देश
● लॉगबुक पर प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी करेंगे हस्ताक्षर
बिजली ज्यादा कटना दिखाया तो होगी जांच
स्वास्थ्य विभाग के उप सचिव ने निर्देश दिया है कि अगर किसी अस्पताल की रिपोर्ट में बिजली की अधिक कटौती लॉगबुक में दर्ज की जाएगी तो इसकी जांच बिजली कंपनी के अधिकारियों से कराई जाएगी. अगर इसमें गड़बड़ी पाई गई तो प्रभारी और संबंधित पर कर्रवाई की जाएगी. मुजफ्फरपुर के पीएचसी ने पिछले दिनों चार से पांच घंटे की बिजली कटौती की रिपोर्ट दी है.
मुजफ्फरपुर न्यूज़ डेस्क