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Muzaffarpur गोलूकांड में हुए उपद्रव की फाइल 23 साल बाद खुली

Buxar अपहरण कर हत्या का फरार आरोपित हथियार के साथ धराया

बिहार न्यूज़ डेस्क चर्चित गोलू अपहरण कांड में हुए उपद्रव की फाइल 23 साल बाद खुल गई है. उपद्रव के नामजद आरोपियों को पुलिस तलाश रही है. आरोपियों की गिरफ्तारी होगी. नगर, काजी मोहम्मदपुर, ब्रह्मपुरा, सदर समेत कई थानों में केस हुआ था. लंबित चल रहे कांडों के निष्पादन की मुहिम में फाइल सामने आई. इसके बाद मामले में आइओ को नामजद आरोपियों का सत्यापन करने का निर्देश दिया गया है. जमानत नहीं लेने वालों को गिरफ्तार किया जायेगा.

वर्ष 2001 में अपहृत गोलू का शव मिलते ही शहर के लोग आक्रोशित हो गए थे. शहर में गली से लेकर मुख्य सड़क तक जाम कर दिया गया था. पुलिस के पहुंचने पर हमला कर दिया गया. नगर थाना से लेकर नाका और पुलिस पिकेट तक में आग लगा दी गई थी. खाकी वर्दी दिखते आक्रोशित लोग हमला कर देते थे.

पुलिस ने भी बचाव में जमकर लाठीचार्ज और फायरिंग की. कई शहरी इसमें जख्मी हो गए. दो दिन तक शहर सुलगता रहा था. हेलीकॉप्टर से पटना से आईपीएस रविन्द्र कुमार सिंह को मुजफ्फरपुर भेजा गया था और तत्कालीन एसपी नय्यर हसनैन खान को वापस पटना बुलाया गया. इसके बाद लोग शांत हुए थे. नगर थाना में दर्ज एक मामले में 32 नामजद और सैकड़ों अज्ञात पर पुलिस हमले की लंबित फाइल खोली गई है. इसमें 10 आरोपी जमानत पर हैं. शेष 22 नामजद आरोपियों का सत्यापन आइओ नीलू कुमारी को करने का निर्देश दिया गया है.

23 साल के बाद उपद्रव के मामले में कार्रवाई शुरू होने से आरोपियों में खलबली है. इसमें कई आरोपी राजनीति पार्टियों में उच्च पदों पर हैं. डीएसपी सीमा देवी के नेतृत्व में कार्रवाई शुरू की गई है. उन्होंने बताया कि लंबित केस फाइल में कार्रवाई पूरी कर निष्पदित किया जायेगा.

 

 

मुजफ्फरपुर न्यूज़ डेस्क 

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