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Muzaffarpur पंचायती राज दफ्तर में फंसे 15 हजार सुलह योग्य मुकदमे
 

Muzaffarpur पंचायती राज दफ्तर में फंसे 15 हजार सुलह योग्य मुकदमे


बिहार न्यूज़ डेस्क पंचायती राज कार्यालय में थानों की परिधि से अब 15 हजार मामले तेजी से सुलझने लगे हैं। जिन प्रकरणों का शीघ्र निराकरण करने की दृष्टि से पुलिस द्वारा पंचायती राज कार्यालय को सौंपे गये प्रकरण अधिकारिता परिवर्तन के कारण पंचायतों तक नहीं पहुँच सके। करीब दो साल से इस तरह के 15 हजार मामले फाइलों में लंबित हैं और इसके वादी थाने से लेकर पंचायत तक चक्कर लगा रहे हैं.

राज्य सरकार ने थानों और अदालतों का बोझ कम करने के लिए सभी सुलह के मामले पंचायत को सौंपने का निर्देश दिया था. इस निर्देश के आलोक में पुलिस की ओर से लगभग 23 हजार प्रकरण पंचायती राज कार्यालय को सौंपे गए। यह भी निर्देश दिया गया कि चूंकि ये सभी मामले जमानती और तत्काल सुलह योग्य हैं, इसलिए इन्हें अभियान चलाकर समाप्त किया जाना चाहिए। लेकिन, हुआ ठीक इसके विपरीत। थानों से पंचायती राज कार्यालय को ये मामले मिलते ही जिले में नए नगर निकायों के गठन की घोषणा कर दी गई. इसके तहत जहां पांच नई नगर पंचायतों का गठन किया गया वहीं दो नगर परिषदों का भी गठन किया गया. संबंधित प्रखंड विकास अधिकारियों ने इसके अंतर्गत आने वाले गांवों के मामलों को उठाने के लिए हाथ उठाया. जिले के चार प्रखंडों ने करीब आठ हजार प्रकरण स्वीकार किए, शेष पंचायती राज कार्यालय में रहे। नगर निकायों के गठन और उलटफेर के दायरे में आने वाले सात प्रखंडों में ये मामले लंबित हैं. वहीं दूसरी ओर इन मामलों के वादी व प्रतिवादी थाने से लेकर पंचायत कार्यालय तक चक्कर लगा रहे हैं.

मामले में पंचायती राज अधिकारी सुषमा ने बताया कि सभी प्रखंड विकास अधिकारियों को अपने अधिकार क्षेत्र के मामलों को उठाने का निर्देश दिया गया है. नगर निकायों के गठन के बाद यह सिलसिला थम गया। बताया कि जल्द ही इस समस्या का समाधान कर दिया जाएगा। इन मामलों के संबंध में विभाग से मार्गदर्शन लेने के बाद कार्रवाई की जाएगी।

मुजफ्फरपुर न्यूज़ डेस्क 
 

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