बिहार न्यूज़ डेस्क नगर निगम द्वारा शहर को रौशन करने के लिए शहर के सभी 45 वार्ड में एलईडी लाइट लगाकर रौशन तो कर दिया गया. एलईडी लाइट को दिन में बुझाने का इंतजाम नहीं किए जाने के कारण बिजली की बर्बादी हो रही है. बिजली की बर्बादी को रोकने की दिशा में नगर निगम द्वारा अब तक कोई सार्थक कदम नहीं उठाया गया है.
बता दें कि नगर निगम द्वारा चयनित एजेंसी की ओर से शहर के सभी 45 वार्ड में 12 हजार से अधिक 30 वाट और 70 वाट के एलईडी बल्ब लगाए जा चुके हैं. नगर निगम द्वारा चयनित एजेंसी द्वारा सभी बिजली के पोल पर एलईडी लाइट लगाकर एक आन आफ स्वीच लगा दिया गया है लेकिन स्विच को ऑन आफ करने के लिए कोई कर्मी प्रतिनियुक्त नहीं हैं. मुहल्लों में तो लोग अपने घर के बाहर जल रहे एलईडी को बुझा देते हैं, लेकिन अधिकांश स्थानों पर एलईडी दिन में भी जलता रहता है. बिजली विभाग के अधिकारियों की मानें तो 30 वाट का एक एलईडी बल्ब 24 घंटा जलने पर लगभग 10 वाट बिजली की खपत होती है. ऐसे में प्रतिमाह 01 लाख वाट से अधिक बिजली की बर्बादी शहर में लगे एलईडी बल्ब से हो रही है. नियमत: फाइव केबुल तार बिछाकर उसी तार से एलईडी बल्ब का कनेक्शन करने का प्रावधान है. फाइव केबल कनेक्शन का आन आफ स्विच ट्रांसफार्मर से कर दिया जाए और एक कर्मी को इसके लिण् प्रतिनियुक्त कर दिया जाए तो बिजली की बर्बादी बच सकती है.
एलईडी बल्न्ब का मीटर कनेक्शन नहीं: नगर निगम द्वारा समूचे शहर में लगाए गए एलईडी लाइट का मीटर कनेक्शन सभी जगह नहीं किया गया है. सिर्फ हाई मास्क लाइट का ही अलग से मीटर कनेक्शन है. ऐसे में औसतन बिजली खपत के अनुसार नगर निगम को बिजली विभाग विपत्र भेजती है, जिसका भुगतान मुख्यालय स्तर से पटना में ही होता है. हाल ही में नगर निगम मुंगेर का बकाया 9 करोड़ रुपया का भुगतान पटना में मुख्यालय स्तर पर राशि ट्रांसफर हुआ है.
बोले सहायक अभियंता : विद्युत आपूर्ति प्रमंडल मुंगेर के सहायक विद्युत अभियंता मनोज कुमार सिंह ने कहा, फाइव केबुल तार समूचे शहर में बिछा हुआ है. फाइव केबुल तार से एलईडी लाइट का कनेक्शन होने पर निश्चित रूप से बिजली की बचत होगी. लेकिन फाइव केबुल तार का बक्सा से कनेक्शन करने के लिए एजेंसी द्वारा कोई पत्र विभाग को प्राप्त नहीं हुआ है. अगर एजेंसी इस संबंध में पत्राचार करती है तो तुरंत बक्सा से फाइव केबुल तार कनेक्ट करा दिया जाएगा. इसके बाद समस्या का समाधान हो जाएगा.
मुंगेर न्यूज़ डेस्क