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Munger दोगुने हुए सब्जी के दाम बिगाड़ा थाली का स्वाद, पर्याप्त भंडारण तक कीमतों में कमी होने के आसार भी नहीं

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बिहार न्यूज़ डेस्क  बारिश और बाढ़ के कारण हरी सब्जियों की कीमत पिछले दो महीने से आसमान छू रही है. सब्जियों के साथ प्याज, टमाटर और लहसून के दामों में इजाफा होने से खाने की थाली पर इसका खासा असर पड़ा है.

बारिश और बाढ़ के कारण हरी सब्जियों के थोक मार्केट में किल्लत होने से इनके दाम आसमान चढ़ा हुआ है. प्याज, टमाटर के साथ लहसून के दामों में अभी भी तड़का लगा हुआ है. 25 से 30 रुपये प्रति केजी के हिसाब से मिलने वाला प्याज खुदरा मार्केट में 60 रुपये प्रति किलो के हिसाब से मिल रहा है. दूसरी ओर टमाटर के दामों में भी तिगुनी बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. वर्तमान में खुदरा मार्केट में टमाटर 100 से 120 रुपये किलो मिल रहा है. जबकि, लहसुन के दामों में काफी उछाल देखने को मिल रहा है. खुदरा मार्केट में लहसून तिहाई सैकड़ा पार करते हुए 380 रुपये प्रति किलो मिल रहा है.

रुपये प्रति किलो प्याज खुदरा बाजार में बिक रहा

बाढ़ व बारिश सबसे बड़ा कारण

मुख्य बाजार स्थित राइन मार्केट के प्याज के थोक व्यापारी गुड्डू अली ने बताया कि प्याज के थोक मार्केट पटना में पर्याप्त मात्रा में स्टॉक नहीं पहुंचने और विदेश में अधिक निर्यात सहित बाढ़ और बारिश के कारण प्याज के दामों में उछाल देखने मिल रहा है.

सौ 20 रुपया किलो टमाटर खुदरा बाजार में बिक रहा

बेंगलुरु से टमाटर आता बाजार में

टमाटर के खुदरा व्यापारी मोहम्मद तबरेज ने कहा बाढ़ और बारिश के चलते स्थानीय उपज बिल्कुल खत्म हो गया है. बेंगलुरु से टमाटर का थोक मंगाकर बाजारों में बेचा जा रहा है. जिसके कारण 40 से 50 रुपया किलो बिकने वाला टमाटर तिगुना कीमत के साथ 100 से 120 रुपया किलो मिल रहा है. लहसुन के खुदरा व्यापारी अरविंद कुमार ने कहा लहसुन 380 रुपये प्रति किलो के हिसाब से मिल रहा है. पर्याप्त भंडारण क्षमता पूर्ण होने के बाद ही लहसुन के दामों में राहत मिलेगी.

 

मुंगेर न्यूज़ डेस्क

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