
उत्तरप्रदेश न्यूज़ डेस्क अपर जिला जज कोर्ट संख्या 15 हर्ष अग्रवाल की अदालत ने सात साल पहले ननद और जेठानी पर तेजाब से हुए हमले के मामले में सुनवाई करते हुए महिला समेत चार आरोपियों को दोषी पाते हुए 14 साल कारावास और एक-एक लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है.
सरकारी वकील मुकेश मित्तल ने बताया कि वादी जरीफुद्दीन ने 29 जून 2016 को थाना फलावदा में दर्ज कराई रिपोर्ट में बताया उसका पुत्र अल्ताफ दुबई में नौकरी करता है. उसकी पत्नी सानिया फलावदा में साथ ही रहती थी.
घटना वाली रात में वादी मकान की पहली मंजिल पर सो रहा था. उसकी पुत्री शिबा अपनी भाभी शिफा के साथ नीचे सो रही थी. शोर मचने पर परिवार के लोग नीचे की तरफ भागे तो देखा कि 3-4 अज्ञात व्यक्तियों ने शिबा और बहू शिफा पर तेजाब डाल दिया है. वह गंभीर रूप से झुलस गईं. छत पर सो रही दूसरी पुत्रवधू सानिया पर भी उक्त लोगों ने कुछ बूंद तेजाब डाल दिया था ताकि किसी को शक न हो. सभी आरोपी पड़ोस की छत से कूदकर भाग निकले.
पूछताछ में खुला मामला पुलिस को जांच के दौरान वादी की पुत्रवधू सानिया पर शक हुआ. पूछताछ में सानिया ने कुबूल किया प्रेम प्रसंग के चलते उसने तीन साथियों से घटना कराई है. सरकारी अधिवक्ता मुकेश मित्तल ने 19 गवाह पेश किए. अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने और साक्ष्यों को देखते हुए सानिया फलावदा और उसके साथियों अब्दुल कादिर, आकिब देवबंद, सोनू निवासी मुजफ्फरनगर को 14 साल कारावास, प्रत्येक को एक-एक लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई.
दो आरोपी सात साल से जेल में बंद
सानिया और अब्दुल कादिर करीब सात साल से जेल में हैं. उनको अभी तक जमानत नहीं मिली है. दो आरोपी जमानत पर बाहर थे.
मेरठ न्यूज़ डेस्क