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Madhubani पोर्टल संस्थागत प्रसव की प्रविष्टि मात्र 13, पोर्टल पर प्रविष्टि के बाद ही मिलता है लाभार्थी को योजना का लाभ

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के एनडीए से बढ़ती नजदीकियों की चर्चा के बीच प्रदेश के पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने सोमवार को साफ कहा कि भाजपा को दो बार धोखा देने वाले नीतीश कुमार के लिए अब पार्टी के दरवाजे बंद हैं।  उन्होंने हालांकि यह भी कहा कि राजद और कांग्रेस पर दबाव बनाने के लिए वे अक्सर हवा में पलटी मारने की कलाबाजी दिखाते रहते हैं। सुशील मोदी ने कहा कि भाजपा-जदयू की सरकार के समय पंडित दीनदयाल उपाध्याय की प्रतिमा पटना में स्थापित की गई थी। मुख्यमंत्री के वहां आकर पुष्पांजलि अर्पित करने पर हमें कोई आपत्ति नहीं, लेकिन इससे कोई कयास लगाने की जरूरत नहीं।  उन्होंने कहा कि वर्ष 2000 में जदयू के 35 और भाजपा के 65 विधायक थे। इसी तरह 2020 के चुनाव में जदयू के 44 के मुकाबले भाजपा के 75 विधायक बने। 20 साल में दो बार भाजपा ने अधिक सीटें जीतने के बाद भी नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बनाया और बदले में दो विश्वासघात झेले।  उन्होंने कहा कि अब नीतीश कुमार न तो भरोसा करने लायक हैं और न उनके पास कोई जनाधार बचा है। वे वोट ट्रांसफर कराने की क्षमता भी खो चुके हैं। उन्हें एनडीए में वापस लेने का कोई प्रश्न ही नहीं।  उन्होंने कहा कि 2020 में यदि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उस समय साथ रहे जदयू के लिए भी वोट न मांगे होते, तो पार्टी इतनी सीटें भी न जीत पाती। उन्होंने साफ लहजे में कहा कि नीतीश कुमार अब हर गठबंधन के लिए बोझ बन चुके हैं, इसलिए पटना से दिल्ली तक विपक्ष की चार बैठकों के बाद भी उन्हें संयोजक बनाने पर सहमति नहीं बनी। किसी के सपने देखने और नारे लगवाने पर तो कोई रोक नहीं है।

बिहार न्यूज़ डेस्क  सीमांचल के विभिन्न जिलों में मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजनान्तर्गत संस्थागत प्रसव का ई जननी पोर्टल पर लाभार्थी की प्रवृष्टि संतोषनक नहीं है. 1 अप्रैल से 15 दिसंबर तक संस्थागत प्रसव का प्रविष्टी कटिहार और अररिया जिले में चार-चार प्रतिशत और पूर्णिया में 21 और किशनगंज में 24 प्रतिशत ही प्रविष्टी हो पाया है. लक्ष्य के अनुसार काम नहीं करने पर पूर्णिया प्रक्षेत्र के स्वास्थ्य उप निदेशक और आरपीएम ने सीमांचल के सभी जिलों के जिला स्वास्थ्य समिति के डीपीएम को प्रविष्टी का काम में तेजी करने का आदेश दिया है. राज्य में संस्थागत प्रसव का ई जननी पोर्टल पर 13 प्रतिशत ही हुआ है प्रविष्टी

रिपोर्ट के अनुसार बिहार में 6 लाख 73 हजार 929 संस्थागत प्रसव का प्रविष्टी करने का लक्ष्य दिया गया था. मगर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की उदासीनता के कारण म्मात्र 86 हजार 634 यानि लक्ष्य का मात्र 13 प्रतिशत ही प्रविष्टी हो पाया है.

क्या हो रही है परेशानी स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी के अनुसार मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना के तहत संस्थागत प्रसव का डाटा शत प्रतिशत प्रविष्टी नहीं किया गया तो संबंधित कन्या के माता ओ इस योजना का लाभ नहीं मिल पाता है. इस योजना के अनुसार शत प्रतिशत पूर्ण टीकाकरण कराने और शत प्रतिशत संस्थागत प्रसव कराने वाली महिला को कन्या को जन्म देने पर प्रोत्साहन राशि का भुगतान दिया जाता है.

राज्य स्वास्थ्य समिति द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना के तहत संस्थागत प्रसव का अप्रैल से लेकर 15 दिसंबर तक इस वर्ष में सबसे ज्यादा लक्ष्य का 35प्रतिशत अरवल और सबसे कम सीवार में 3 प्रतिशत प्रविष्ठी किया गया है. रिपोर्ट के अनुसार औरंगाबाद में 21, बांका मं 18,बेगुसराय में 24, भागलपुर 26, भोजपुर में 17, बक्सर में 21, दरभंगा में 7, गया में 8, गोपालगंज में 9,जुमई में 4,जहानाबाद में 23, कैमुर में 32, खगडिया में 17 और लखीसराय में 18 और मधेपुरा में 20 प्रतिशत ही संस्थागत प्रसव का प्रविष्टी किया गया है.

वहीं मधुबनी में 10, मुंगेर में 33,मुजफ्फपुर में 12, नालंदा में 12, नवादा में 14, पश्चिमी चंपारण में 2, पटना में 14,पूर्वी चांपरण में 5, रोहतास में 14,सहरसा में 16, समस्तीपुर में 8,सारण में 16, शेखपुरा में 23, शिवहर में 14, सीतामढ़ी में 7, सीवान में 3, सुपौल में 16, वैशाली में 11 प्रतिशत प्रविष्टी किया गया है.

 

मधुबनी  न्यूज़ डेस्क

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