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Madhubani कालाजार रोगी का विभाग और सहयोगी संस्था करेगी फॉलोअप

 इमरजेंसी जैसे संवेदनशील वार्ड में आराम फरमाते हैं. रोगी आ गया,

बिहार न्यूज़ डेस्क  जिले में विगत पांच वर्षों में प्रतिवेदित कालाजार मरीज का स्वास्थ्य विभाग के द्वारा फॉलोअप किया जाएगा. स्वास्थ्य विभाग से मिले आंकड़ों के अनुसार, जिले में 2019 से अब तक 94 मरीजों का फॉलोअप किया गया है. जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉक्टर डी. एस. सिंह ने बताया कि राज्य सरकार के निर्देशानुसार कालाजार उन्मूलन के लिए वर्ष में चार चक्र में घर-घर कालाजार के संभावित रोगियों की खोज करने का प्रावधान है. डॉ. सिंह ने बताया कि कालाजार से पीड़ित रोगी को मुख्यमंत्री कालाजार राहत योजना के तहत श्रम क्षतिपूर्ति के रूप में पैसे भी दिए जाते हैं. बीमार व्यक्ति को 6600 रुपये राज्य सरकार की ओर से और 500 रुपए केंद्र सरकार की ओर से दिए जाते हैं. यह राशि वीएल (ब्लड रिलेटेड) कालाजार में रोगी को प्रदान किया जाता है. वहीं चमड़ी से जुड़े कालाजार (पीकेडीएल) में 4000 रुपये की राशि केंद्र सरकार की ओर से दी जाती है. डॉ सिंह ने बताया कि हर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर कालाजार जांच की सुविधा उपलब्ध है.

कालाजार की किट (आरके-39) से 10 से 15 मिनट के अंदर टेस्ट हो जाता है. हर सेंटर पर कालाजार के इलाज में विशेष रूप से प्रशिक्षित एमबीबीएस डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मी उपलब्ध हैं.

कालाजार उन्मूलन के लिए भारत सरकार का मानक प्राप्त :

वेक्टर नियंत्रण रोग पदाधिकारी पुरुषोत्तम कुमार ने बताया कि जिले में लगातार छिड़काव के कारण कालाजार उन्मूलन के लिए भारत सरकार का जो मानक है उसे प्राप्त किया जा चुका है. मरीजों की संख्या शून्य करने के लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है. जिले में वर्ष 2009 में 730 मरीज, 2010 में 630, वर्ष 2011 में 538, वर्ष 2012 में 415, वर्ष 2013 में 321, वर्ष 2014 में 256, वर्ष 2015 में 187, मरीज 2016 में 108, मरीज, 2017 में 85 मरीज, 2018 में 50, 2019 में 31,और 2020 में वीएल के -23,पीकेडीएल के -1,एचआईवी,वीएल के -2, 2021 में वीएल के -16,पीकेडीएल के -4,एचआईवी, वीएल के -3, 2022 में वीएल के -15,पीकेडीएल के -10 एचआईवी, वीएल के -0, वर्ष 2023 में पीकेडीएल -6, एचआईवी-1, वीएल-1 वहीं वर्ष 2024 में पीकेडीएल -8, एचआईवी-0, वीएल-0 मरीज कालाजार के मिले हैं.

कैसे होगी कालाजार रोगियों की पहचान:

वैसे मरीज कालाजार के रोगी हो सकते हैं जिन्हें. 15 दिन से ज्यादा से बुखार हो. जिन्हें भूख नहीं लगती हो, उदर बड़ा हो रहा हो. जिनका वजन लगातार कम हो रहा हो. शरीर का काला पड़ रहा हो.वैसे व्यक्ति जिन्हें बुखार न हो पर उनके शरीर पर दाग हो और पूर्व में कालाजार के रोगी रह चुके हों.

 

मधुबनी न्यूज़ डेस्क

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