उत्तरप्रदेश न्यूज़ डेस्क साइबर जालसाजों ने सीबीआई अधिकारी बन कर रेलवे के सेवानिवृत्त महाप्रबंधक (जीएम) को आठ दिन डिजिटल अरेस्ट रखा. मनी लांड्रिंग के केस और मोबाइल नंबर गलत काम में प्रयोग होने की बात कह कर डराया. जेल भेजने की धमकी देकर 12 लाख रुपये ऐंठ लिए. 90 लाख रुपये के शेयर बिकवा दिए और पैसे अपने खाते में जमा करने का दबाव बनाया. इंटरनेट बैंकिंग के अभाव में पीड़ित को बैंक भेजा, तब तक बंद हो चुका था. घर लौटकर उन्होंने परिवार वालों को आपबीती बताई तब ठगी का पता चला.
अर्जुनगंज सनशाइन ए ओमेक्स रेजीडेंसी निवासी पूर्व आईआरटीएस अफसर कमल कुमार सक्सेना रेलवे में महाप्रबंधक के पद से सेवानिवृत्त हैं. उन्होंने साइबर क्राइम थाने में मुकदमा दर्ज कराया है कि छह को राहुल नाम के एक व्यक्ति का उनके पास फोन आया. उसने कहा कि आपका मोबाइल नंबर गैरकानूनी काम में इस्तेमाल हो रहा है. साथ ही उसने कॉल दूसरे नंबर पर ट्रांसफर कर दी. इसके बाद गोपेश नाम के व्यक्ति ने बात की और खुद को इंस्पेक्टर कनॉट प्लेस बताया. उसने कहा कि आपके खिलाफ दिल्ली में मनी लांड्रिंग का केस दर्ज है. अगर केस तुरंत खत्म कराना हो तो कॉल सीबीआई के डीसीपी नवजोत सिमी को ट्रांसफर कर दूं. हामी भरने पर अगले दिन सुबह नवजोत सिमी का फोन आया. डीसीपी सिमी ने कहा कि 12 लाख रुपये बताए गए खाते में जमा कर दो तो जेल नहीं जाना पड़ेगा. दबाव में आकर उन्होंने 12 लाख बताए खाते में जमा कर दिए.
रुपये भेजने के अगले दिन फिर फोन आया. इस बार अपनी संपत्ति का विवरण भेजने के लिए कहा. 9 को फोन कर उनके सारे शेयर बिकवा दिए. शेयर बेचकर 90 लाख रुपये उनके खाते में आए. इसमें से 40 लाख रुपये खाते में जमा करने के लिए कहा. उन्होंने नेट बैंकिंग न होने से रुपये न भेज पाने की बात कही. जालसाज ने बैंक में जाकर रुपये भेजने का दबाव बनाया. साइबर क्राइम थाने के इंस्पेक्टर ब्रजेश यादव के मुताबिक मुकदमा दर्ज कर जांच की जा रही है.
हरियाणा में भी कुछ दिन पहले लाखों हड़पे
इस गिरोह ने वीके ट्रेडिंग के बैंक खाते में भी सिरसा हरियाणा के एक व्यक्ति से 22 लाख रुपये की ठगी की थी. 28 अगस्त 2024 को गिरोह के राहुल व मुहफिजुद्दीन हरियाणा में गिरफ्तार किए गए थे. दो महीने जेल में रहने के बाद कृष्ण व मुहफिजुद्दीन की जमानत हो गई. राहुल अब भी जेल में बंद है. जेल से छूटने के बाद यह और मुहफिजुद्दीन फिर से गिरोह के सदस्यों के साथ साइबर ठगी करने लगे.
जेल भेजने की धमकी दे 6.20 लाख ठगे
गोमतीनगर निवासी रेनू वर्मा को जालसाजों ने खुद को ट्राई का अधिकारी बता अपने जाल में फंसाया. जालसाज ने कहा कि उनके मोबाइल नंबर के खिलाफ दिल्ली पुलिस में मुकदमा दर्ज है. उनका मोबाइल नंबर ब्लॉक कर दिया जाएगा. इसके बाद एक व्यक्ति से वीडियो कॉल कराई. उसने खुद को दिल्ली पुलिस में तैनात डीसीपी राजवीर कुमार बताया. कहा कि आपके खिलाफ गैरजमानती वारंट जारी हो गया है. आपके नाम से दिल्ली के बैंक में खाते के जरिए मनी लॉन्ड्रिंग की गई है. आपके खाते की जांच ईडी करेगी. जेल जाने से बचना है तो खाते में 6.20 लाख रुपये जमा कर दो. उन्होंने रुपये बताए खाते में भेज दिए.
लखनऊ न्यूज़ डेस्क