उत्तरप्रदेश न्यूज़ डेस्क हाउस टैक्स जमा कराने में नगर निगम के कर अधीक्षकों की ओर से लगातार लापरवाही बरती जा रही है. नतीजतन नगर निगम के तीन जोनों में जिन भवनों से जो कर जमा कराया गया है, वह उसके वास्तविक कर मूल्यांकन से 14 करोड़ रुपये कम है. कर निर्धारण में सबसे ज्यादा लापरवाही जोन सात में बरती गई है.
नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह ने नगर निगम के सभी आठों जोनों में जिन बड़े व्यावसायिक प्रतिष्ठानों और बड़े भवनों से हाउस टैक्स वसूले गए हैं, उनको क्रास चेक किया तो पाया कि जोन सात में देवा और अयोध्या रोड पर 160 व्यावसायिक प्रतिष्ठान ऐसे हैं जो कि अभी भी कामर्शियल टैक्स नहीं जमा कर रहे हैं. जिस प्लाट पर यह व्यावसायिक प्रतिष्ठान बने हैं, पूर्व में वह आवासीय थे. उसी के अनुसार ही इनके टैक्स जमा किए जा रहे हैं. जोन तीन में कुर्सी रोड पर 50 से अधिक मामले ऐसे ही मिले. ागर आयुक्त ने जब नियमानुसार इनका टैक्स एसेसमेंट कराया तो पाया कि टैक्स में लगभग 14 करोड़ रुपये की कमी है. अब नगर आयुक्त ने संबंधित कर अधीक्षकों को चेतावनी दी है कि उक्त भवनों का नए सिरे से हाउस टैक्स का एसेसमेंट करें और उसी के अनुसार हाउस टैक्स जमा करवा कर 14 करोड़ रुपये की कमी को पूरा करें. इसके लिए उन्होंने मार्च तक का समय दिया है.
एक कर निरीक्षक को प्रतिकूल प्रविष्टि
. हाउस टैक्स वसूली में लापरवाही पर नगर निगम के जोन तीन में तैनात एक कर निरीक्षक को प्रतिकूल प्रविष्टि और दो को चेतावनी दी गई. अनावासीय भवनों की शत प्रतिशत वसूली करने का निर्देश दिया गया.
नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह ने जोनल तीन में वसूली और कर निर्धारण की समीक्षा में पाया कि कदम रसूल, लाला लाजपत राय, महाकवि जयशंकर प्रसाद, महानगर एवं मनकामेश्वर वार्ड में हाउस टैक्स की वसूली गत वर्ष की तुलना में कम है. कर निरीक्षक मधुरेश कुमार, वीरेंद्र कुमार को चेतावनी तथा आजाद अहमद को प्रतिकूल प्रविष्टि दी.
लखनऊ न्यूज़ डेस्क