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Lucknow  छात्र की हत्या में वकील व दो विधि छात्रों को उम्रकैद, कोर्ट ने 12 साल बाद सुनाया फैसला, एक आरोपी की हो चुकी मौत

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उत्तरप्रदेश न्यूज़ डेस्क   रंजिश और वर्चस्व की जंग में हत्याकांड को अंजाम देने वाले वकील और दो एलएलबी छात्रों को कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है. सभी पर 20-20 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है. आर्म्स एक्ट में दोषी पाए गए वकील पर पांच हजार रुपये अतिरिक्त जुर्माना लगा है. आधी धनराशि वादी मुकदमा को मिलेगी. इस दौरान एक अभियुक्त की मौत हो चुकी है. एक की फाइल अलग चल रही है. कोर्ट ने 12 साल बाद फैसला सुनाया है.

कल्याणपुर निवासी इंजीनियरिंग छात्र अभिषेक चौहान 17  2012 की रात घर से गेहूं पिसाने के लिए निकला था. महाराणा प्रताप एजुकेशन सेंटर के पास चाय की दुकान के सामने खड़ा था, तभी मसवानपुर निवासी सीटू उर्फ अभिषेक यादव, शंटी उर्फ नितिन पासी, अन्नू उर्फ अरुण अवस्थी, अशोक नगर निवासी अंकुर सोलंकी और अमर सक्सेना पहुंचे. उससे गाली-गलौज करने लगे. चारों ने अभिषेक को पकड़ लिया और सीटू ने उसे गोली मार दी. अस्पताल में उसकी मौत हो गई. अभिषेक के पिता अशोक ने कल्याणपुर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. डीजीसी दिलीप अवस्थी व एडीजीसी अरविंद डिमरी ने बताया कि सीटू, शंटी, अन्नू और अंकुर के खिलाफ चार्जशीट कोर्ट भेजी गई थी. कोर्ट ने अमर सक्सेना को भी तलब कर लिया था. अपर जिला जज आष्टम राम अवतार प्रसाद ने सजा सुनाई है.

13 गवाह पेश किए गए :अभियोजन की ओर से 13 गवाह कोर्ट में पेश किए गए. सबूतों और गवाहों के आधार पर कोर्ट ने सीटू, शंटी और अंकुर को दोषी मानकर सजा सुनाई. अन्नू की मुकदमे की सुनवाई के दौरान मौत हो चुकी है. सीटू वकील बन गया था,जबकि शंटी और अंकुर विधि छात्र हैं.

सजा से पहले कचहरी में लगाई गई भारी फोर्स

हत्या में अधिवक्ता को दोषी करार दिए जाने पर कचहरी में अतिरिक्त फोर्स लगाई गई थी. जेल से कड़ी सुरक्षा में दोषियों को अदालत लाया गया और सजा सुनाने के बाद पुलिस ने तीनों को जेल पहुंचा दिया. कचहरी में कई थानों की फोर्स सजा से पहले ही पहुंच गई थी.

 

 

लखनऊ न्यूज़ डेस्क

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