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Lucknow  सड़कों पर खटारा बसें, फायर सेफ्टी तो दूर सीटें और शीशे भी सलामत नहीं

Indore चुनाव में लोक परिवहन के वाहन नहीं होंगे इस्तेमाल, स्कूल-कालेजों की बसें आयेगी काम

उत्तरप्रदेश न्यूज़ डेस्क  परिवहन निगम की खस्ताहाल बसें यात्रियों के सुहाने सफर में रोड़ा बन रही हैं. किसी बस के शीशे चिटक गये हैं तो किसी बस में वाइपर ही नहीं है. बसों की कंडीशन इतनी खराब है कि अधिकांश सीटें टूटी हुई है. खिड़कियों के शीशे टूटफूट गए हैं. कई जगह कीलें निकल रही है, जिससे सीट पर बैठे यात्री कई बार जख्मी हो जाते है. सड़क पर चलते समय बस की पूरी बॉडी खड़खड़ाती है.

लखनऊ के आलमबाग, चारबाग, कैसरबाग और अवध बस स्टेशन से रोजाना 950 बसें विभिन्न रूटों पर चलाई जा रही है. इनमें 523 परिवहन निगम और 427 अनुबंधित बसें है, लेकिन अधिकांश बसें जर्जर हो चुकी है. अवध बस स्टेशन पर गोंडा डिपो की बस (यूपी 78 जेटी6649) का फ्रंट का शीशा चिटका हुआ था. वहीं कैसरबाग डिपो की एसी शताब्दी बस (यूपी 41एटी 3427)द पिछले हिस्से का शीशा चिटका मिला. गोंडा डिपो की बस (यूपी43 टी7717) में वाइपर नहीं लगा था. गोमतीनगर डिपो की बस (यूपी32 सीजेड8970) के पिछले हिस्से का शीशा टूटा था. इसके बावजूद परिवहन निगम के अधिकारी खटारा बसों को सड़कों पर दौड़ाने से बाज नहीं आ रहे.

शहर की 107 सीएनजी बसों की उम्र पूरी : शहर में 107 सीएनजी और 140 इलेक्ट्रिक बसें चल रही है. अधिकतर सीएनजी बसों की उम्र पूरी हो चुकी है. आठ-दस इलेक्ट्रिक बसें भी खराब है. नगरीय परिवहन निदेशालय ने 100 नई इलेक्ट्रिक बसों का प्रस्ताव शासन को भेजा है, लेकिन अभी तक मंजूरी नहीं मिली है.

गोरखपुर जाने वाली अनुबंधित बस थी. नोटिस दिया गया है. बसों की तकनीकी जांच के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए गये हैं. यदि शीशे चिटके हैं तो उन्हें दुरुस्त कराया जाएगा. अजीत सिंह, प्रवक्ता, परिवहन निगम

 

 

लखनऊ न्यूज़ डेस्क

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