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Lucknow  बैंक लॉकर काटने वाला 7वां बदमाश भी गिरफ्तार, मददगारों की तलाश

Hisar मंडल में मादक पदार्थ तस्करों के विरुद्ध 739 मुकदमे दर्ज किये गये, जिनमें 1198 अभियुक्त गिरफ्तार किये गये

उत्तरप्रदेश न्यूज़ डेस्क   इंडियन ओवरसीज बैंक (आईओबी) में 21  की देर रात सेंधमारी कर करोड़ों के जेवर व नकदी पार करने वाले गिरोह के सातवें बदमाश मिथुन कुमार बिंद को भी चिनहट पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. उसे अपट्रान चौकी के पास नेडा मोड़ से गिरफ्तार किया गया है.

पुलिस अब गिरोह की मदद करने वालों की तलाश कर रही है. मिथुन के पास से एक लाख रुपये, सवा सौ ग्राम सोने और पौन किलो से अधिक चांदी के जेवर, दो मोबाइल, ग्लैंडर मशीन व छेनी-हथौड़ा बरामद किया गया है.

पुलिस उपायुक्त पूर्वी शशांक सिंह के मुताबिक मिथुन पर 25 हजार रुपये का इनाम घोषित किया गया था. वह बिहार के मुंगेर जनपद में असरगंज थानाक्षेत्र के चौरगांव पुरुषोत्तमपुर का रहने वाला है. गाजीपुर में गिरफ्तार मास्टरमाइंड विपिन व अन्य ने 42 लॉकर काट कर करोड़ों की चोरी की थी. बलराम, कैलाश और अरविंद को  सुबह मुठभेड़ में गिरफ्तार किया गया था. पैर में गोली लगने से अरविंद घायल हो गया था. उसी देर रात सोबिंद मुठभेड़ में मारा गया था. वहीं, सन्नी गाजीपुर में मुठभेड़ में मारा गया था.

सोबिंद से पुलिस मुठभेड़ के वक्त उसके साथ था मिथुन, अंधेरे में भाग निकला था

इंडियन ओवरसीज बैंक के 40 लॉकर धारकों ने बैंक में आवेदन किया है कि उनके लॉकरों में गहने रखे थे. कुछ ने यह भी बताया कि उन्होंने रुपये भी रखे थे. इसके बाद बैंक अधिकारियों और एडीसीपी पूर्वी पंकज सिंह द्वारा गठित कमेटी ने इनसे जेवरों से संबंधित दस्तावेज मांगे हैं.  दोपहर से  के बीच लॉकर धारक ज्योति श्रीवास्तव, ऊषा कुशवाहा, नेहा राजपूत, रेनू सिंह, गीता सिंह, लक्ष्मी समेत 40 लोगों ने बैंक में प्रार्थनापत्र दिए हैं कि उनके लॉकर में जेवर रखे थे. अब इनसे मिले दस्तावेजों के आधार पर पुलिस और कमेटी जांच करेगी कि किस लॉकर धारक के कितने जेवर रखे थे. एडीसीपी पंकज सिंह ने बताया कि कुछ लॉकर धारकों ने जेवरों और नकदी का ब्योरा भी दिया है. कुछ ने जेवरों से संबंधित दस्तावेजों में बिल और रसीद आदि भी मुहैया कराई है. जिन लोगों ने जानकारी और दस्तावेज अभी उपलब्ध नहीं कराए हैं, उनसे पूछा गया है कि जेवरों की बनावट कैसी थी? अथवा उनका वजन कितना था? यह ब्योरा दें, जिससे उनके जेवरों की शिनाख्त कराई जा सके. शिनाख्त के बाद सारी रिपोर्ट कोर्ट को भेजी जाएगी. इसके बाद कोर्ट से सभी ग्राहकों के जेवर रिलीज किए जाएंगे.

चिनहट पुलिस ने गिरफ्तार बदमाश मिथुन से पूछताछ की तो उसने बताया कि उसे और गिरोह के अन्य साथियों को मास्टरमाइंड विपिन ने इंदिरानगर के एक होटल में रोका था. एडीसीपी पूर्वी ने बताया कि पुलिस टीम मिथुन को विपिन के घर और होटल की पहचान कराने के लिए इंदिरानगर ले गई. वह दो घंटे इंदिरानगर तकरोही की एक गली से दूसरी गली में घुमाता रहा. इसके बाद कहा कि वह रास्ता भूल गया है. इससे हताश पुलिस थाने लेकर पहुंची और फिर उसे जेल भेज दिया गया.

भागने की फिराक में था

एसीपी विभूतिखंड राधा रमण के मुताबिक मिथुन ने बताया कि वह सोबिंद के साथ  रात भागने की फिराक में था. किसानपथ पर घेराबंदी पर सोबिंद फायरिंग करने लगा तो वह अंधेरे का फायदा उठा कर भाग निकला था. वह  बिहार भागने की फिराक में था. तभी चिनहट पुलिस ने दबोच लिया.

 

 

लखनऊ न्यूज़ डेस्क

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