कोटा में स्लीपर बस चालकों की गुंडागर्दी, फुटेज में देखें परिवहन विभाग की कार्रवाई के दौरान अधिकारी पर हमला, बस जब्त
राजस्थान के कोटा शहर से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां स्लीपर बस चालकों की मनमानी और गुंडागर्दी ने परिवहन विभाग की कार्रवाई को चुनौती दे दी। परिवहन विभाग की टीम ने जब सुरक्षा मानकों का उल्लंघन करने पर एक स्लीपर बस को जब्त किया, तो चालक ने न केवल अधिकारी पर हमला कर दिया, बल्कि आरटीओ परिसर से सीज बस को जबरन निकालने की कोशिश भी की।
जानकारी के अनुसार, परिवहन विभाग ने कोटा में चल रही स्लीपर बसों की जांच के दौरान एक बस को रोका, जिसमें चेसिस काटकर लगेज डिब्बा बढ़ाया गया था और इमरजेंसी गेट की जगह स्लीपर बर्थ बनाई गई थी — जो सुरक्षा नियमों का गंभीर उल्लंघन है। अधिकारियों ने बस को सीज कर आरटीओ परिसर में खड़ा करवाया।
जब परिवहन निरीक्षक अवधेश डांगी और उनकी टीम बस को कब्जे में लेने पहुंचे, तो चालक ने विरोध किया और उनके साथ धक्का-मुक्की और अभद्रता की। बताया जा रहा है कि चालक ने गुस्से में आकर बस को आरटीओ परिसर से जबरन निकालने की कोशिश की, जिससे वहां मौजूद स्टाफ और अन्य लोगों में अफरा-तफरी मच गई।
घटना की जानकारी मिलते ही मौके पर पुलिस बुलाई गई, जिसने हालात को काबू में किया और आरोपी चालक को हिरासत में ले लिया। परिवहन विभाग ने बताया कि चालक और बस मालिक के खिलाफ सरकारी कार्य में बाधा डालने और सुरक्षा नियमों के उल्लंघन के तहत मामला दर्ज कराया गया है।
परिवहन निरीक्षक अवधेश डांगी ने कहा कि “स्लीपर बसों में यात्रियों की सुरक्षा को लेकर लगातार लापरवाही सामने आ रही है। कुछ बस मालिक अपने मुनाफे के लिए बस की बॉडी में अवैध बदलाव कर रहे हैं, जिससे यात्रियों की जान खतरे में पड़ रही है।” उन्होंने यह भी कहा कि विभाग ऐसे मामलों में कड़ी कार्रवाई जारी रखेगा।
विभागीय जांच में यह भी सामने आया कि जिस बस को जब्त किया गया था, वह बिना आवश्यक फिटनेस प्रमाणपत्र और बॉडी कोड के सड़कों पर चल रही थी। बस के ढांचे में इस तरह का परिवर्तन न केवल नियमों का उल्लंघन है बल्कि यह संभावित हादसों की बड़ी वजह भी बन सकता है।
घटना के बाद परिवहन विभाग ने चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि ऐसे सभी बस ऑपरेटर जो सुरक्षा मानकों का पालन नहीं कर रहे, उन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। वहीं, पुलिस अब यह भी जांच कर रही है कि क्या शहर में अन्य स्लीपर बसें भी इसी तरह से अवैध रूप से संशोधित की गई हैं।
हाल ही में राज्य के कई हिस्सों में स्लीपर बसों की सुरक्षा और मानकों को लेकर सवाल उठे हैं। सरकार ने पहले ही स्पष्ट किया है कि बिना बॉडी कोड और सुरक्षा अनुमति के किसी भी स्लीपर बस को संचालन की अनुमति नहीं दी जाएगी। कोटा की यह घटना न केवल परिवहन विभाग की कार्रवाई पर सवाल खड़े करने वाली है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि लापरवाह बस संचालकों की मनमानी यात्रियों की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा बनती जा रही है।

