उत्तरप्रदेश न्यूज़ डेस्क बीमा राशि हड़पने के लिए डॉक्टर ने अपने दोस्त को ही जिंदा जला दिया. इससे पहले कि वह दोस्त की बॉडी को अपना नाम देकर खुद का मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाता पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया.
पुलिस के अनुसार पूछताछ में हत्यारोपी डॉक्टर मुबारिक ने बताया कि उस पर 30 लाख रुपये से अधिक का कर्ज हो गया था. ऐसे में उसने क्राइम सीरियल देखें और फिर अपना डेथ सर्टिफिकेट बनवाने के लिए एक डेड बॉडी की तलाश की. जब काफी तलाशने के बाद भी कोई डेड बॉडी नहीं मिली तो उसने अपने ही मित्र सोनू को शराब पिलाकर अपनी गाड़ी में बैठाया और उसे जिंदा जला दिया.
एसपी सिटी अभिमन्यु मांगलिक ने वारदात का खुलासा करते हुए बताया कि 23 दिसंबर को कोतवाली देहात क्षेत्र में बिजोपुरा की पुलिया के पास एक जली हुई कार के अंदर एक शव मिला था. काफी जल जाने से शव की शिनाख्त नहीं हो सकती थी. यह कार सहारनपुर के डॉक्टर मुबारिक की थी. इस घटना के बाद से वह भी लापता था. ऐसे में लोगों ने मान लिया था कि मुबारिक की जलकर मौत हो गई है.
एएमयू प्रोफेसर पर निलंबन की तलवार
छात्रा बनकर साथी एसोसिएट प्रोफेसर के खिलाफ शिकायत करने वाले प्रोफेसर पर निलंबन की तलवार लटक गई है. एएसपी की रिपोर्ट के बाद एएमयू इंतजामिया ने उन्हें अपना पक्ष रखने के लिए एक सप्ताह का वक्त दिया था. पर प्रोफेसर द्वारा नोटिस का जवाब नहीं दिया गया है. उनके निलंबन की चर्चा एएमयू कैंपस में जोरो पर है.
गौरतलब है कि 16 नवंबर को रसायन विभाग एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. इशात मोहम्मद खान के खिलाफ 20 सितंबर को विभाग के प्रोफेसर रियाजुद्दीन द्वारा छात्रा के नाम पर 20 शिकायतें डाक पोस्ट के द्वारा की गई. जिसमें एसोसिएट प्रोफेसर के खिलाफ परीक्षा संबंधी, पेपर, कुछ धार्मिक आरोप भी लगाए गए.
कानपूर न्यूज़ डेस्क