पंचायत चुनाव स्थगित करने पर सरकार पेश करेगी जवाब, वीडियो में देखें हाईकोर्ट में आज सुनवाई

राजस्थान में 6,759 ग्राम पंचायतों के चुनाव स्थगित कर उनमें वर्तमान सरपंचों को ही प्रशासक नियुक्त करने के मामले में राज्य सरकार को आज हाईकोर्ट में अपना जवाब पेश करना है। पिछली सुनवाई (24 जनवरी) में कोर्ट ने गिरिराज सिंह देवंदा व अन्य की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए पंचायती राज विभाग, राज्य चुनाव आयोग व अन्य को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था।
याचिका में कहा गया है कि सरकार ने संविधान के प्रावधानों के खिलाफ जाकर अवैध और मनमाने ढंग से इन पंचायतों के चुनाव स्थगित कर दिए हैं। सरकार के इस फैसले को रोका जाना चाहिए। साथ ही राज्य चुनाव आयोग को इन पंचायतों में तत्काल चुनाव कराने का निर्देश दिया जाए। सरकार ने अदालत को अपना जवाब देने के लिए दो सप्ताह का समय मांगा था।
वहीं दूसरी ओर आज सरपंच संघ सरकार के इस फैसले पर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को बधाई देने के लिए एक कार्यक्रम आयोजित कर रहा है। इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का आभार व्यक्त किया जाएगा।
चुनाव एक दिन के लिए भी स्थगित नहीं किया जा सकता।
याचिकाकर्ताओं के वकील प्रेमचंद देवंदा ने कहा कि राज्य सरकार ने 16 जनवरी 2025 को एक अधिसूचना जारी कर इन पंचायतों के चुनाव स्थगित कर दिए थे। जो संविधान के अनुच्छेद 243ई, 243के एवं राजस्थान पंचायत राज अधिनियम 1994 की धारा 17 का उल्लंघन है।
सरकार ने राज्य में लगभग 6,759 पंचायतों में आम चुनावों पर रोक लगा दी है, जिससे लोकतंत्र की सबसे छोटी इकाई और ग्रामीण संस्थाएं अस्थिर हो गई हैं। संविधान और पंचायती राज के प्रावधानों के अनुसार, पंचायत का 5 वर्ष का कार्यकाल पूरा होने के बाद चुनाव एक दिन के लिए भी स्थगित नहीं किया जा सकता। इसके अलावा, निवर्तमान सरपंच का कार्यकाल भी समाप्त हो चुका है और अब वह जनप्रतिनिधि नहीं हैं। वहाँ केवल निजी व्यक्ति ही हैं। इसलिए नियमों के अनुसार किसी निजी व्यक्ति को पंचायतों में प्रशासक नियुक्त नहीं किया जा सकता।
सरकार ने प्रशासक नियुक्त किये।
राजस्थान की 6,759 ग्राम पंचायतों में जनवरी में चुनाव कराने के बजाय सरकार ने मौजूदा सरपंचों को प्रशासक नियुक्त करने का निर्णय लिया। सरपंचों की सहायता के लिए प्रत्येक ग्राम पंचायत स्तर पर एक प्रशासनिक समिति भी गठित की जाएगी। इसमें उप सरपंच और वार्ड पंच सदस्य शामिल होंगे। पंचायती राज विभाग ने 16 जनवरी को सरपंचों को प्रशासक नियुक्त करने तथा प्रशासनिक समिति गठित करने की अधिसूचना जारी की थी।
राजस्थान सरकार ने यह निर्णय मध्य प्रदेश मॉडल पर लिया है। इससे पहले मध्य प्रदेश सहित कई भाजपा शासित राज्यों ने भी इसी तरह से सरपंचों को प्रशासक नियुक्त किया है। राज्य में सभी पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव एक साथ कराने के लिए इसे काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।