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जयपुर के खोले के हनुमान मंदिर में 9 नवंबर को होगा 65वां लक्खी अन्नकूट महोत्सव, वीडियो में देखें दो लाख भक्तों के लिए तैयार होगी स्पेशल प्रसादी

जयपुर के खोले के हनुमान मंदिर में 9 नवंबर को होगा 65वां लक्खी अन्नकूट महोत्सव, वीडियो में देखें दो लाख भक्तों के लिए तैयार होगी स्पेशल प्रसादी

गुलाबी नगरी जयपुर के ऐतिहासिक खोले के हनुमान जी मंदिर में इस बार भी भक्ति, परंपरा और विशाल आयोजन का अद्भुत संगम देखने को मिलेगा। 9 नवंबर को 65वां लक्खी अन्नकूट महोत्सव बड़े धूमधाम और धार्मिक उल्लास के साथ मनाया जाएगा। हर साल की तरह इस बार भी इस आयोजन में करीब दो लाख श्रद्धालुओं के लिए भोजन प्रसादी तैयार की जाएगी।

यह अन्नकूट महोत्सव न केवल एक धार्मिक आयोजन है, बल्कि जयपुर की सांस्कृतिक और सामाजिक एकता का भी प्रतीक बन चुका है। कभी यह महोत्सव राजसी परंपरा के रूप में शुरू हुआ था, जब जयपुर दरबार से विशेष रूप से भोग और प्रसाद की व्यवस्था की जाती थी। आज यह आयोजन समाज के सभी वर्गों को एक साथ जोड़ने वाला एक महान लोक उत्सव बन गया है।

मंदिर प्रबंधन समिति के अनुसार, इस वर्ष के अन्नकूट के लिए 30 विशाल भट्ठियां (रसोई घर) तैयार की जा रही हैं। इनमें प्रसादी बनाने का कार्य 8 नवंबर की शाम से शुरू होगा, जो 9 नवंबर की रात तक लगातार चलेगा। इस दौरान सैकड़ों रसोइये और सेवक भक्ति भाव से प्रसाद तैयार करने में जुटे रहेंगे।

मंदिर समिति के एक पदाधिकारी ने बताया कि इस आयोजन में भात, पूड़ी, सब्जी, मिठाई और अन्य पारंपरिक व्यंजन बनाए जाएंगे, जिन्हें अगले दिन सुबह से भक्तों को प्रसाद स्वरूप वितरित किया जाएगा। अनुमान है कि करीब दो लाख श्रद्धालु इस प्रसाद को ग्रहण करेंगे।

महोत्सव के दौरान मंदिर और आसपास के क्षेत्र को फूलों और रोशनी से सजाया जाएगा, जिससे पूरा इलाका भक्ति के रंग में रंग उठेगा। अन्नकूट पर्व पर सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ने लगती है। मंदिर में विशेष पूजन-अर्चन, हनुमान चालीसा पाठ और भजन संध्या का आयोजन भी किया जाएगा।

पुलिस और प्रशासन की ओर से भी तैयारी पूरी कर ली गई है। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए ट्रैफिक डायवर्जन, पार्किंग की विशेष व्यवस्था और भीड़ नियंत्रण के लिए अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किए जाएंगे। जयपुर नगर निगम और स्वच्छ भारत मिशन की टीमें भी आयोजन स्थल पर स्वच्छता की व्यवस्था संभालेंगी।

मंदिर के पुजारी ने बताया कि खोले के हनुमान जी का यह अन्नकूट 1959 से निरंतर आयोजित किया जा रहा है। “यह सिर्फ धार्मिक उत्सव नहीं, बल्कि सेवा, समर्पण और लोकएकता का पर्व बन चुका है। यहां आने वाला हर भक्त प्रसाद के रूप में प्रेम और समानता का संदेश लेकर जाता है,” उन्होंने कहा।

शहरवासियों में भी इस आयोजन को लेकर खास उत्साह है। कई स्वयंसेवी संस्थाएं और स्थानीय व्यापारी अपने स्तर पर भक्तों के लिए पानी, छाछ, और अन्य सुविधाओं की व्यवस्था करेंगे। जयपुर के लिए खोले के हनुमान जी का लक्खी अन्नकूट सिर्फ एक परंपरा नहीं, बल्कि आस्था और एकजुटता का उत्सव बन गया है, जो हर वर्ष हजारों लोगों को सेवा और भक्ति के सूत्र में बांध देता है।

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