जयपुर की रिहायशी कॉलोनियों में लेपर्ड की एंट्री, फुटेज में जानें लोगों को बाहर निकलने में भी लग रहा डर, वन विभाग ने पैनी की नजरें
राजधानी जयपुर की कई रिहायशी कॉलोनियों में लेपर्ड की बढ़ती गतिविधियों ने स्थानीय लोगों में दहशत फैला दी है। शहर के मालवीय राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, जगतपुरा, महावीर नगर, सिद्धार्थ नगर, विद्याधर नगर, पुलिस अकादमी और चांदपोल क्षेत्रों में लेपर्ड के मूवमेंट देखे जाने की खबर के बाद वन विभाग अलर्ट हो गया है।
वन राज्य मंत्री संजय शर्मा के निर्देश पर उपवन संरक्षक विजय पाल सिंह की टीम 24 घंटे मॉनिटरिंग में जुटी हुई है। वन विभाग ने रिहायशी इलाकों में लेपर्ड की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए विशेष इंतजाम किए हैं। अधिकारियों का कहना है कि लेपर्ड के मूवमेंट का पता चलते ही रात्रि पेट्रोलिंग, नियमित ट्रैकिंग और विशेषज्ञ ट्रैकर्स की मदद से निगरानी तेज कर दी गई है।
वन विभाग के अनुसार, आने वाले दिनों में रेडियो कॉलरिंग के जरिए लेपर्ड की लोकेशन ट्रैक की जाएगी। इसके साथ ही झालाना रिज़र्व में बाड़ सुधार का कार्य भी शुरू किया जाएगा। पेरीफेरल ट्रैकिंग के जरिए वन क्षेत्र और आबादी के बीच सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी।
स्थानीय लोगों का कहना है कि शहर के इन क्षेत्रों में लेपर्ड की बार-बार देखी जाने वाली गतिविधियों ने आमजन में डर बढ़ा दिया है। बच्चों और वृद्धों की सुरक्षा को देखते हुए वन विभाग ने सभी कॉलोनियों में सतर्कता बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। अधिकारी लोगों से अपील कर रहे हैं कि वे अकेले बाहर न निकलें और रात के समय अतिरिक्त सतर्कता बरतें।
वन विभाग ने बताया कि लेपर्ड के मूवमेंट का पता लगाने के लिए ड्रोन और कैमरा ट्रैप का भी इस्तेमाल किया जा रहा है। विशेषज्ञ ट्रैकर्स के साथ वन कर्मियों को भी प्रशिक्षित किया गया है ताकि वे किसी भी आपात स्थिति में तुरंत प्रतिक्रिया कर सकें।
विभाग ने यह भी स्पष्ट किया है कि लेपर्ड शहर के निवास क्षेत्रों में भोजन की तलाश या आवासीय क्षेत्रों से गुजरने के कारण दिखाई देता है। इसलिए नागरिकों से आग्रह किया गया है कि वे कचरे को खुले में न रखें और पशुओं को भी सुरक्षित स्थान पर रखें।
वन राज्य मंत्री संजय शर्मा ने कहा कि लेपर्ड और मानव जीवन के बीच सुरक्षित दूरी बनाए रखना हमारी प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि वन विभाग लगातार मॉनिटरिंग कर रहा है और किसी भी खतरे की स्थिति में तुरंत कार्रवाई की जाएगी।
विशेषज्ञों का मानना है कि शहरीकरण और जंगल के सीमावर्ती क्षेत्रों में इंसानी गतिविधियों के बढ़ने से वन्य जीव अक्सर आबादी वाले क्षेत्रों में आने लगते हैं। ऐसे में वन विभाग की सतर्कता और नागरिकों की सहयोगात्मक भूमिका बेहद महत्वपूर्ण है।
इस स्थिति में वन विभाग ने यह भी घोषणा की है कि आने वाले सप्ताह में सभी प्रभावित कॉलोनियों में जागरूकता कार्यक्रम और सुरक्षा कार्यशालाओं का आयोजन किया जाएगा। इसका उद्देश्य नागरिकों को वन्य जीवों से सुरक्षित व्यवहार और सतर्क रहने के उपायों से अवगत कराना है।
जयपुर में लेपर्ड की गतिविधियों पर लगातार निगरानी रखने के लिए वन विभाग पूरी तरह तैयार है और नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हर संभव कदम उठाया जा रहा है।

