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दो मिनट के वीडियो में देंखे राजस्थान में पहली बार सातों संभागों में एक साथ ‘घूमर महोत्सव 2025’ का आयोजन, तैयारियां शुरू

राजस्थान में पहली बार सातों संभागों में एक साथ ‘घूमर महोत्सव 2025’ का आयोजन, तैयारियां शुरू

राजस्थान की लोक-संस्कृति और परंपराओं को नई ऊंचाइयों तक ले जाने के उद्देश्य से राज्य पर्यटन विभाग ने ‘घूमर महोत्सव 2025’ की तैयारियां शुरू कर दी हैं। यह महोत्सव राज्य की पहचान बन चुके पारंपरिक लोकनृत्य घूमर को वैश्विक स्तर पर नई पहचान देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

पर्यटन आयुक्त रुक्मणि रियार ने जानकारी दी कि इस बार का आयोजन न केवल लोकनृत्य का उत्सव होगा, बल्कि यह नारी-सशक्तिकरण और जनभागीदारी का प्रतीक बनकर उभरेगा। उन्होंने बताया कि इस महोत्सव में राजस्थान की लोककला, संगीत, पारंपरिक परिधान और ग्रामीण हस्तशिल्प की झलक एक साथ देखने को मिलेगी।

पर्यटन विभाग द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार, ‘घूमर महोत्सव 2025’ का आयोजन 19 नवंबर 2025 को राज्य के सातों संभागीय मुख्यालयों — जयपुर, जोधपुर, उदयपुर, अजमेर, बीकानेर, कोटा और भरतपुर — में एक साथ किया जाएगा। यह पहली बार होगा जब राज्य के सभी प्रमुख शहर एक ही दिन लोकसंस्कृति के इस रंग में रंगे नजर आएंगे।

रुक्मणि रियार ने बताया कि प्रत्येक संभाग में स्थानीय कलाकारों के साथ-साथ प्रदेशभर से चयनित लोकनृत्य दलों को आमंत्रित किया जाएगा। इसके अलावा, स्कूली छात्राओं और महिला स्वयंसेवी संगठनों को भी प्रदर्शन का अवसर दिया जाएगा, ताकि यह महोत्सव वास्तव में “नारी उत्सव” का स्वरूप ले सके।

महोत्सव के दौरान घूमर नृत्य प्रतियोगिताएं, पारंपरिक संगीत कार्यक्रम, लोकगीत प्रस्तुतियां, राजस्थानी पोशाक परेड और हस्तशिल्प प्रदर्शनी जैसे कई आकर्षक आयोजन किए जाएंगे। विभाग का उद्देश्य यह भी है कि इन आयोजनों के माध्यम से राजस्थान के ग्रामीण कलाकारों और हस्तशिल्पकारों को मंच मिल सके तथा उनकी आजीविका को सशक्त बनाया जा सके।

पर्यटन विभाग ने जिला प्रशासन को निर्देश जारी किए हैं कि आयोजन स्थल, मंच सज्जा, प्रतिभागियों के चयन और सुरक्षा व्यवस्था की तैयारियां समय रहते पूरी कर ली जाएं। साथ ही सोशल मीडिया और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से घूमर महोत्सव 2025 का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाएगा, ताकि अधिक से अधिक पर्यटक इस आयोजन का हिस्सा बन सकें।

आयुक्त रियार ने कहा, “घूमर सिर्फ एक नृत्य नहीं, बल्कि राजस्थान की आत्मा का प्रतीक है। इसके माध्यम से हम अपनी परंपराओं को संजोने के साथ-साथ महिलाओं की रचनात्मक ऊर्जा और सांस्कृतिक शक्ति को सम्मान देना चाहते हैं।”

राज्य सरकार की योजना है कि इस महोत्सव को हर साल नियमित रूप से आयोजित किया जाए और इसे राजस्थान के वार्षिक सांस्कृतिक कैलेंडर में स्थायी स्थान दिया जाए।

उम्मीद की जा रही है कि घूमर महोत्सव 2025 न केवल राजस्थान की सांस्कृतिक विरासत को नई पहचान देगा, बल्कि राज्य के पर्यटन क्षेत्र को भी नई रफ्तार प्रदान करेगा।

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