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जयपुर में रोडवेज बस ड्राइवर ने यात्री का फोडा सिर, वीडियो में जानें रोकने की बात पर पाइप से मारा

जयपुर में रोडवेज बस ड्राइवर ने यात्री का फोडा सिर, वीडियो में जानें रोकने की बात पर पाइप से मारा

राजधानी जयपुर में मंगलवार को राजस्थान रोडवेज की बस में एक यात्री पर चालक द्वारा की गई हिंसक घटना ने सबको हिलाकर रख दिया। जानकारी के अनुसार, मत्स्य नगर डिपो की झालावाड़ से अलवर जा रही बस में चालक विनोद कुमार ने पैसेंजर दिमांशु सैन पर पाइप से हमला कर दिया। घटना के समय बस में कंडक्टर प्रदीप कुमार भी मौजूद थे।

दिमांशु सैन, जो बूंदी के रहने वाले हैं, दुर्गापुरा (जयपुर) में बस से उतरना चाहते थे। सांगानेर पुलिया के पास जब वह अपनी सीट से उठकर ड्राइवर को बस रोकने के लिए कहने गए, तो चालक ने उनकी बात नजरअंदाज की। जब दिमांशु ने दोबारा बस रोकने का अनुरोध किया, तो चालक गुस्से में आ गया और पाइप से उनके सिर पर हमला कर दिया। इस हमले में दिमांशु का सिर लहूलुहान हो गया।

हालांकि, सिर से खून बहने के बावजूद चालक बस को तुरंत पास के अस्पताल नहीं ले गया। घायल यात्री को ले जाने के बजाय, चालक ने बस को सीधे सिंधी कैंप बस स्टैंड तक चलाया। वहां ड्यूटी ऑफिसर ने समय रहते हस्तक्षेप किया और घायल यात्री का इलाज कराया।

घटना की पड़ताल में सामने आया कि बस झालावाड़ से अलवर के लिए नियमित मार्ग पर थी और चालक विनोद कुमार ने यात्री की सुरक्षा की अनदेखी की। कंडक्टर प्रदीप कुमार भी बस में मौजूद थे, लेकिन घटना के समय उन्होंने स्थिति को नियंत्रित नहीं किया। घायल यात्री दिमांशु सैन को प्राथमिक उपचार के बाद चिकित्सकों द्वारा आवश्यक देखभाल मुहैया कराई गई।

स्थानीय लोगों और यात्री संघ के अनुसार, रोडवेज बसों में इस तरह की हिंसा की घटनाएं चिंता का विषय हैं। बस में यात्रियों की सुरक्षा और उनका समय पर गंतव्य तक पहुंचना रोडवेज की जिम्मेदारी है। इस घटना ने यात्री सुरक्षा और बस कर्मचारियों के प्रशिक्षण पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

यात्री संघ ने इस मामले में तत्काल जांच की मांग की है और दोषी चालक के खिलाफ सख्त कार्रवाई की अपील की है। यात्रियों का कहना है कि बस चालक और कंडक्टर को यात्रियों के प्रति संवेदनशील और जिम्मेदार होना चाहिए, ताकि इस तरह की घटनाओं से बचा जा सके।

राजस्थान रोडवेज के अधिकारियों ने भी मामले की गंभीरता को स्वीकार करते हुए कहा कि घायल यात्री का इलाज समय पर कराया गया और चालक के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। साथ ही, उन्होंने यात्रियों से अपील की कि किसी भी आपात स्थिति में ड्यूटी ऑफिसर या हेल्पलाइन नंबर से तुरंत संपर्क करें।

यह घटना एक बार फिर यह याद दिलाती है कि सार्वजनिक परिवहन में यात्रियों की सुरक्षा सर्वोपरि होनी चाहिए। चालक और बस कर्मचारियों के अनुशासन और प्रशिक्षण में सुधार न होने की स्थिति में ऐसे मामलों की पुनरावृत्ति की संभावना बनी रहती है।

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