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रूस में नजर आ रही राजस्थान के कलाकारों की कलाकृतियां, वीडियो में देखें कैनवास पर किया प्रदर्शित

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रूस के मास्को में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय चित्रकला प्रदर्शनी में राजस्थान के कलाकारों की पेंटिंग भी प्रदर्शित की जा रही हैं। इस भव्य कला प्रदर्शनी का विधिवत उद्घाटन किया गया। यह 15 मार्च 2025 तक रूसी आगंतुकों के लिए खुला रहेगा। प्रदर्शनी में रूसी और भारतीय कलाकारों की कृतियां प्रदर्शित की गई हैं, जिनमें राजस्थान के विभिन्न जिलों के कलाकारों की कृतियां विशेष आकर्षण का केन्द्र रहीं।

प्रदर्शनी में जयपुर, जोधपुर, कोटा, सीकर, बूंदी, झालावाड़, टोंक और सवाई माधोपुर के कलाकारों की कलाकृतियाँ शामिल हैं। ये चित्र राजस्थान की कला, संस्कृति और भावनात्मक अभिव्यक्ति को दर्शाते हैं।

प्रदर्शनी में जयपुर, जोधपुर, कोटा, सीकर, बूंदी, झालावाड़, टोंक और सवाई माधोपुर के कलाकारों की कलाकृतियाँ शामिल हैं।
प्रदर्शनी में मधु यादव (जयपुर) ने “मानसिक विकास”, दीपिका राजोरिया (जयपुर) ने “सरस्वती”, सोनल अग्रवाल (जयपुर) ने “टूटे भ्रम”, निशांत घड़ोलिया (जयपुर) ने “पनघट की डगर पर”, विनोद कुमार (सीकर) ने “शिव का नृत्य”, सुनीता बागड़िया ने “जीवन”, सुनीधि जांगिड़ ने “बूढ़ा आदमी”, कुसुमलता सोनी ने “संस्कृति और संस्कार”, राहुल यादव (झालावाड़) ने “नीली जिंदगी”, शिशुपाल पटेल (जोधपुर) ने “अस्तित्व”, रैना कुमारी (बूंदी) ने “शाही हाथी”, अमित कुमार (सवाई माधोपुर) ने “पक्षी जगत”, मेघांशी सैनी (कोटा) ने “संगीत की दिव्य देवी”, इसमें महेश गुर्जर (टोंक) की "ग्रामीण जीवन" पर रचनाएं शामिल हैं।

ये चित्र राजस्थान की कला, संस्कृति और भावनात्मक अभिव्यक्ति को दर्शाते हैं।
ये चित्र राजस्थान की कला, संस्कृति और भावनात्मक अभिव्यक्ति को दर्शाते हैं।

कलाकार महेश गुर्जर ने कहा कि इस अन्तर्राष्ट्रीय प्रदर्शनी में राजस्थान के कलाकारों को अपनी कला प्रदर्शित करने का अनूठा अवसर मिला है। यह प्रदर्शनी वैश्विक मंच पर भारतीय कलाकारों की रचनात्मकता और सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित कर रही है।

इस प्रदर्शनी में रूसी आगंतुकों को भारत और विशेषकर राजस्थान की पारंपरिक और समकालीन कला को करीब से देखने और समझने का अवसर मिल रहा है। यहां प्रदर्शित चित्र भारतीय पौराणिक कथाओं, ग्रामीण जीवन, संस्कृति, भावनाओं और प्रकृति को खूबसूरती से दर्शाते हैं।

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