
नगर निगम ने ठोस अपशिष्ट नीति के अनुसार कचरे को अलग-अलग न करने और गीले कचरे से खाद न बनाने पर सेक्टर-48 स्थित सेंट्रल पार्क टू सोसायटी का 25 हजार रुपये का चालान काटा है।
उधर, सोसायटी आरडब्ल्यूए का कहना है कि उनकी सोसायटी में पिछले सात साल से कूड़ा निस्तारण के लिए प्लांट लगा हुआ है। यदि वे स्वयं कचरे का प्रबंधन करते हैं तो उन्हें चालान क्यों देना चाहिए? आरडब्ल्यूए पदाधिकारियों का कहना है कि नगर निगम के अधिकारी खुद जांच नहीं कर रहे हैं। इसमें बहुत भेदभाव हो रहा है।
सोसायटी के बाहर भारी मात्रा में नगर निगम का कचरा फेंका गया है। नगर निगम के इस कूड़े के कारण सोसायटी की हवा प्रदूषित हो रही है। सोसायटी के आरडब्ल्यूए प्रतिनिधि प्रभात भारद्वाज ने कहा कि सोसायटी में भारी मात्रा में कचरा उत्पन्न करने वालों की जांच के लिए नगर निगम द्वारा गठित टीम में सेवानिवृत्त सैन्य अधिकारी शामिल हैं, जो कचरा प्रबंधन के विशेषज्ञ नहीं हैं। यदि निगम को जांच के लिए निजी एजेंसी की मदद लेनी पड़े तो इस क्षेत्र के विशेषज्ञों की नियुक्ति की जानी चाहिए। इस समस्या को लेकर लोगों का एक प्रतिनिधिमंडल अतिरिक्त नगर निगम आयुक्त बलप्रीत सिंह से मिला और समाधान की अपील की।