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Gorakhpur नेहरू अस्पताल का जर्जर रैंप ढहा होगा पुनर्निर्माण

Darbhanga रेफरल अस्पताल को मिला अल्ट्रासाउंड

उत्तरप्रदेश न्यूज़ डेस्क  बीआरडी मेडिकल कॉलेज के नेहरू अस्पताल में जर्जर हो गए रैंप का मसला अब हल होता नजर आ रहा है. शासन ने रैंप के पुनर्निर्माण को हरी झंडी दे दी है. शासन ने इसके लिए उत्तर प्रदेश प्रोजेक्ट कॉर्पोरेशन को कार्यदायी संस्था के रूप में चयनित कर दिया है. रैंप के पुनर्निर्माण में करीब 5.5 करोड़ लागत आएगी. पहली किस्त कार्यदायी संस्था को हैंडओवर कर दी गई है. को कार्यदायी संस्था के इंजीनियरों ने जर्जर रैंप का मुआयना किया.

ऑपरेशन थिएटर और इमरजेंसी वार्ड के लिए लाइफ लाइन है रैंप : बीआरडी मेडिकल कॉलेज में बना रैंप ऑपरेशन थिएटर और इमरजेंसी वार्ड के लिए लाइफलाइन की तरह है. यह ऑपरेशन थिएटर और विभिन्न वार्डों के बीच में ब्रिज (पुल) की तरह काम करता है. रैंप के साथ इससे जुड़ी हुई गलियारे की छत भी तोड़ी जाएगी. वर्ष 2015 में नेपाल में आए भूकंप से यह रैंप दरक गया था.

छह वार्ड और ओटी को जोड़ता है रैंप

बीआरडी के नेहरू अस्पताल की डिजाइन टी आकार की है. इसके गलियारे में पुल यह रैंप ही है. खास बात यह है कि इस रैंप के टूटने से ऑपरेशन थिएटर, बर्न वार्ड, जनरल सर्जरी वार्ड, मेडिसिन इमरजेंसी वार्ड, ईएनटी, गायनी वार्ड व लेबर रूम का संपर्क आपस में कट जाएगा. इसी संपर्क को बरकरार रखने के लिए अस्थाई रैंप बनाने का फैसला किया गया है. कार्यदायी संस्था कम से कम दो से तीन अस्थाई रैंप बनाने पर मंथन कर रही है. अस्थाई रैंप को लोहे के ग्रिल से बनाया जाएगा. जिससे कि मरीजों को पहली व दूसरी मंजिल पर शिफ्ट किया जा सके. अस्थाई रैंप के निर्माण के लिए जगह भी चिन्हित किया जा रहा हैं.

प्रोजेक्ट कॉर्पोरेशन की टीम मेडिकल कॉलेज में आई थी. उसने मौके पर निरीक्षण किया. अपना एक प्रारंभिक रिपोर्ट प्रस्तुत किया है. अस्थाई रैंप के लिए जगह के चयन पर अंतिम मुहर लगनी बाकी है. जल्दी ही पुराने रैंप को तोड़ने का काम शुरू हो जाएगा.

-डॉ. रामकुमार जायसवाल, प्राचार्य, बीआरडी मेडिकल कॉलेज

 

 

गोरखपुर न्यूज़ डेस्क

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