
उत्तरप्रदेश न्यूज़ डेस्क गोरखपुर जंक्शन आगामी दिनों में एयरपोर्ट जैसा दिखेगा. यहां शॉपिंग कॉम्प्लेक्स तो होंगे ही साथ ही पैसे निकालने के लिए अंदर एटीएम की सुविधा भी होगी. कॉम्प्लेक्स एरिया में प्रमुख बैंकों के एटीएम लगाए जाएंगे. ये सब होगा गोरखपुर पुनर्विकास योजना में. जंक्शन पर 498 करोड़ की लागत से पुनर्विकास का काम शुरू हो गया है. नए भवन में स्थानीय सांस्कृतिक विरासत एवं वास्तुकला का संगम दिखेगा.
निर्माण के क्रम में 137 साल पुराने गोरखपुर रेलवे स्टेशन के कई अलग-अलग भवन टूट चुके हैं. दिल्ली की निर्माण कंपनी तीन चरणों में स्टेशन के कायाकल्प का काम पूरा कराएगी. पहले नया भवन बनाने का काम पूरा होगा उसके बाद पुराने भवन के दफ्तरों को शिफ्ट किया जाएगा. इसके बाद प्लेटफार्म व अन्य निर्माण कार्य होंगे. तीन साल में काम को पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है. एनई रेलवे अपनी आधारभूत संरचना को मजबूत कर रहा है. इसी क्रम में गोरखपुर जंक्शन स्टेशन को भी विश्व स्तरीय बनाने के लिए पुनर्विकसित किया जा रहा है.
1885 में बना था गोरखपुर स्टेशन रेलवे के जानकारों के अनुसार 15 , 1885 को सोनपुर से मनकापुर तक मीटर गेज रेल लाइन के निर्माण के साथ ही गोरखपुर रेलवे स्टेशन अस्तित्व में आया. वर्ष 1886 में गोरखपुर से उस्का बाजार लाइन के निर्माण के साथ ही यह जंक्शन स्टेशन बन गया.
हत्या के विरोध में न्यायिक कार्य से विरत रहे अधिवक्ता
सिविल बार एसोसिएशन बस्ती के अधिवक्ता चंद्रशेखर यादव की निर्मम एवं नृशंस हत्या के विरोध में जिले के अधिवक्ता न्यायिक कार्य से विरत रहे. इस संबंध में बार एसोसिएशन सिविल कोर्ट के सभागार में एक बैठक एसोसिएशन के अध्यक्ष भानु प्रताप पांडेय की अध्यक्षता में हुई, जिसका संचालन मंत्री गिरिजेश मणि त्रिपाठी ने किया.
अधिवक्ताओं ने सिविल बार एसोसिएशन बस्ती के अधिवक्ता चंद्रशेखर यादव की हत्या पर आक्रोश जताते हुए इस घटना की घोर निन्दा की. सिविल बार एसोसिएशन बस्ती के मांगों का समर्थन किया. आरोपितों की शीघ्र गिरफ्तारी एवं एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू किए जाने की मांग की.बैठक में धीरेंद्र द्विवेदी, देवी शरण चतुर्वेदी, आशीष पांडेय, प्रवीण शुक्ल, प्रवीण कुमार शुक्ल, मृत्युंजय राज सिंह, अशोक कुमार चौहान सहित आदि अधिवक्ता उपस्थित रहे.
गोरखपुर न्यूज़ डेस्क