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Gaziabad जल संरक्षण को जन आंदोलन बनाने की जरूरत

Gaziabad जल संरक्षण को जन आंदोलन बनाने की जरूरत

उत्तरप्रदेश न्यूज़ डेस्क  मोहननगर स्थित कृष्णा इंजीनियरिंग कॉलेज में कंफेडरेशन ऑफ आरडब्ल्यूए-उत्तर प्रदेश (कोरवा-यूपी) ने पीने का पानी विषय पर 8वां राष्ट्रीय कांफ्रेंस का आयोजन किया। दो दिवसीय कांफ्रेंस का ऑनलाइन उदघाटन केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने किया। कार्यक्रम में देश के विभिन्न राज्यों से आरडब्ल्यूए के पदाधिकारी शामिल हुए।


गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि जैसे स्वच्छता मिशन को एक जन आंदोलन बनाया गया, वैसे ही जल संरक्षण को भी जन आंदोलन बनाना होगा। उन्होंने कहा की सैटेलाइट तस्वीरों से पता चलता है की भविष्य में दिल्ली, बेंगलुरू, चेन्नई और हैदराबाद में भयंकर जल संकट हो सकता है। हम केवल 8 फीसदी वर्षा के जल को संरक्षित कर पाते हैं। इसलिए गांवों और जिलों के लिए जल जीवन मिशन के तहत जल संरक्षण के लिए योजना प्रारंभ की गई है। वर्ष 2024 तक घर-घर पाइप लाइन से पानी पहुंचाने की योजना है। राज्यसभा सांसद अनिल अग्रवाल ने कहा की वर्तमान में करीब 40 फीसदी पानी पाइप लाइन से लीक हो जाता है। जल संरक्षण किए गए पानी का दोबारा इस्तेमाल शून्य है।

मगर अन्य देशों में संरक्षित किए जल का लोग दोबारा इस्तेमाल कर रहे हैं। जल पुरुष राजेंद्र सिंह ने कहा कि सभी आरडब्ल्यूए में एक जल समिति का गठन होना चाहिए। जहां संभव है, वहां युद्धस्तर पर रेन वाटर हार्वेस्टिंग पिट बनाई जाए। जिससे बारिश के पानी का संरक्षण हो सके। साथ ही संरक्षित पानी को दोबार इस्तेमाल किया जा सके। विशाखापट्नम के डॉ केएसआर मूर्ति और चेन्नई के आरएनएस नागार्जुन ने पानी की समस्या पर एक स्वेत पत्र जारी किया। राष्ट्रीय कांफ्रेंस में तेलंगाना, आंध्रप्रदेश, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, कर्नाटक, राजस्थान, केरल सहित अन्य राज्यों से लोग शामिल हुए। इस दौरान पवन कौशिक, जय दीक्षित, कर्नल टीपी त्यागी, कैलाश चंद्र शर्मा, माधुरी सुब्बारॉव, बेनु गोपाल, रमेश प्रभु, श्रीनिवासन सहित अन्य लोग मौजूद रहे।
गाजियाबाद न्यूज़ डेस्क

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