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Gaya  अपने बच्चे को देखने से पहले ही चला गया कुंदन

Amzing Fact: सूरज ढलने के बाद क्यों नहीं किया जाता है लाशो का का पोस्टमार्टम? बेहद दिलचस्प है कारण

बिहार न्यूज़ डेस्क अपने परिवार की चिंता छोड़ दूसरे की सेवा में कुंदन लगा रहा. नालंदा के एकसारी के रहने वाला 30 वर्षीय कुंदन कई वर्षों से ईएमटी के पद पर बथानी में कार्यरत था.

कुंदन की पत्नी पिंकी कुमारी गर्भवती है और एक-दो दिनों में उनका प्रसव होना है. वह अपने घर परिवार की परवाह किये बगैर यहां लोगों की सेवा में लगा था.  की रात वह गर्भवती महिला को अस्पताल लाने के लिए ही निकला था. उसे क्या पता था कि यह उसकी आखिरी रात होगी. लोगों ने उसे पिटाई कर दी, जिससे उसकी मौत हो गयी. वह अपने होने वाले बच्चे का दूनिया में आने से पहले ही खुद चला गया.

पिता की आंखों के सुख गए आंसू

पोस्टमार्टम रूप के बाहर बदहवास बैठे पिता सुबोध कुमार की आंखो के आंसू ही सुख गए हैं. वह ज्यादा कुछ नहीं बोल पाने की स्थिति में थे. उन्होंने कहा कि उनकी बहू पिंकी कुमारी प्रसव को लेकर अस्पताल में भर्ती है. अपने आने वाले वंश का वह इंतजार कर रहे थे. इधर, बड़े बेटे की मौत की खबर आ गयी. उन्होंने बताया कि उनके दो पुत्र हैं. कुंदन बड़ा था. छोटा बेटा बेंगलुरु में इंजीनियर है. अब अपनी बहू को कैसे वह बतायेंगे कि बेटा इस दूनिया में नहीं रहा. इतना कहते ही वह रोने लगे.

ब्एंबुलेंस कंट्रोल ऑफिसर राहुल कुमार ने बताया कि कुंदन बहुत ही सरल स्वभाव का था.

हत्या का प्रयास मामले में तीन को 10 वर्ष की सजा

वजीरगंज थाने में हत्या के प्रयास मामले में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश तृतीय संजय कुमार की अदालत ने  तीन दोषियों को 10 साल की सजा सुनायी है.

दोषी बालदेव यादव, संजय यादव और विकास यादव को दोषी ठहराते हुए 10 साल की सजा व 20 हजार रुपये का अर्थ दंड भी लगाया है, जबकि लौकी यादव को बाइज्जत बरी कर दिया गया. बताया गया कि इस मामले में वजीरगंज थाना क्षेत्र के रहने वाले विसुन यादव ने प्राथमिकी दर्ज करायी थी. प्राथमिकी में उन्होंने कहा कि एक सितंबर 2014 को जब वह अपने मकान में छज्जा बनवा रहा था अभियुक्तो ने आकर उनका छज्जा गिरा दिया था. मना करने पर हथियार से लैस होकर आए और मारपीट कर गंभीर रूप से जख्मी कर दिया. अभियोजन पक्ष की ओर से इस मामले में कल छह गवाहों की गवाही हुई.

 

 

गया न्यूज़ डेस्क 

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