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Faizabad गबन के आरोपी रामप्रीत ने डबल लॉक से निकाले एक करोड़ रुपये

Pratapgarh Uttrapradesh शराब पिलाकर जेब से 60 हजार रुपये निकाले

उत्तरप्रदेश न्यूज़ डेस्क  सेवानिवृत नायब तहसीदार रामप्रीत यादव पर करीब एक करोड़ के शासकीय धन का गबन करने का आरोप है. जांच में इसको लेकर तथ्य सामने आए. रामप्रीत  2020 में जनपद सुल्तानपुर के तहसील कादीपुर से नायब तहसीलदार के पद से सेवानिवृत हो चुका है.  की सुबह आर्थिक अपराध अनुसंधान संगठन वाराणसी की टीम ने उसे गिरफ्तार कर लिया.

ईओडब्ल्यू वाराणसी की टीम में शामिल निरीक्षक सुनील कुमार वर्मा ने बताया कि अक्टूबर 2016 में सुल्तानपुर जनपद में पूर्वांचल एक्सप्रेस की जमीन अधिगृहित करने के लिए शासन ने जिले में बजट भेजा था. आरोपी द्वारा इस बजट से भू स्वामी को भुगतान करने के लिए एक करोड़ पांच लाख रुपया बैंक ऑफ बड़ौदा शाखा कादीपुर से निकाला गया था. बैंक से पैसा आरोपी द्वारा तहसील के कर्मचारियों और सशस्त्रत्त् सुरक्षाकर्मियों के साथ सरकारी जीप से दो बोरियों में उपकोषागार तहसील कादीपुर में डबल लॉक में रखा गया था.

अगले दिन डबल लॉक का ताला काटकर दोनों बोरी सहित रुपया चोरी की घटना हो गई. लॉक की एक चाभी आरोपी के पास तथा दूसरी चाभी कैशियर के पास थी. उस समय आरोपी तहसील कादीपुर में नायब तहसीलदार के पद पर नियुक्त था. घटना के संबंध में खजांची शिलाजीत दुबे द्वारा थाना कादीपुर पर चोरी का अभियोग 15 अक्टूबर 2016 को पंजीकृत कराया गया था. ईओडब्ल्यू वाराणसी ने जांच में आरोपी की संलिप्तता पाया है. आरोपी द्वारा सह अभियुक्तों से मिलीभगत करके शासकीय धन गबन की पुष्टि हुई है. गठित टीम में निरीक्षक स्वामी प्रसाद मुख्य आरक्षी हेमंत सिंह और सरफराज अंसारी ईओडब्ल्यू वाराणसी शामिल रहे.

संपत्ति की जांच शुरू हुई

एक करोड़ पांच लाख के शासकीय धन गबन के खुलासे के बाद ईओडब्ल्यू वाराणसी टीम के इंस्पेक्टर सुनील कुमार वर्मा ने बताया कि वर्ष 2021 में केस आर्थिक अनुसंधान शाखा वाराणसी को ट्रांसफर किया गया था. इसकी जांच में घटना के समय में कादीपुर के नायब तहसीलदार रामप्रीत यादव की संलिप्तता पाई गई. आरोपी द्वारा सह अभियुक्तों से मिलीभगत करके शासकीय धन गबन की पुष्टि हुई है. लॉक की एक चाभी आरोपी के पास तथा दूसरा चाभी कैशियर के पास था. अभी केस में धन की बरामदगी नहीं हो सकी है. धन की बरामदगी के लिए चल-अचल सम्पत्ति की जांच की जा रही है. खातों को खंगाला जा रहा है. इसमें उस समय के कैशियर और खजांची की भूमिका से इंकार नहीं किया जा सकता है. कहा, पुलिस महानिरीक्षक ईओडब्ल्यू लखनऊ एवं एसपी लाल साहब यादव के निर्देशन एवं सीओ सुनील कुमार की देखरेख में जांच टीम का गठन किया गया था.

 

 

फैजाबाद न्यूज़ डेस्क

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