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दौसा में कृषि मंत्री किरोड़ी लाल मीणा का बयान सियासी चर्चा में, फुटेज में जानें मंत्रिमंडल विस्तार पर उठे सवाल

दौसा में कृषि मंत्री किरोड़ी लाल मीणा का बयान सियासी चर्चा में, फुटेज में जानें मंत्रिमंडल विस्तार पर उठे सवाल

दौसा में जाटव समाज के कार्यक्रम के दौरान कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीणा का बयान सियासी चर्चा का केंद्र बन गया है। कार्यक्रम में विकास मांगों पर हुई हूटिंग के जवाब में मंत्री ने कहा, “अभी तो मैं उपमुख्यमंत्री भी नहीं, कुछ करने लायक तो बनूं।” उनके इस बयान ने राज्य में मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चाओं को फिर से हवा दे दी है।

कार्यक्रम में किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि उन्हें गालियां मिलती रहती हैं, लेकिन वे इसे नजरअंदाज करते हैं। उन्होंने अपने बयान में कहा, “हाथी के पीछे कुत्ते भौंकते हैं, हाथी नहीं रुकता। अभी तो मैं डिप्टी सीएम भी नहीं बना हूं।” इसके साथ ही उन्होंने प्रेमचंद बैरवा का उदाहरण देते हुए कहा कि “प्रेमचंद बैरवा दूसरी बार विधायक बने और डिप्टी सीएम बन गए, मैं छठी बार विधायक हूं। मुझे कोई पद मोह नहीं है।”

कृषि मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि वे बैरवा के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करेंगे और उनका उद्देश्य केवल जनता की सेवा है। उन्होंने कहा, “मैं टेढ़ा नहीं हूं, सीधा आदमी हूं। मैं आमजन के बीच से निकला हूं, राजनीति में सीधी बात करना ही मुश्किल है।”

राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि किरोड़ी लाल मीणा के इस बयान ने मंत्रिमंडल विस्तार और पार्टी के भीतर चल रही सत्ता समीकरण की चर्चाओं को नया मोड़ दिया है। उनके सीधे और स्पष्ट शब्दों ने सियासी माहौल में हलचल पैदा कर दी है।

स्थानीय नेताओं और पार्टी पदाधिकारियों ने भी मंत्री के बयान पर प्रतिक्रियाएं दी हैं। कुछ का मानना है कि मंत्री का यह आत्मविश्वास दर्शाता है कि वे अपने राजनीतिक दृष्टिकोण में दृढ़ हैं और पद की आकांक्षा से ऊपर जनता की सेवा को महत्व देते हैं। वहीं, विपक्षी दल इसे सियासी अवसर के रूप में देख रहे हैं और इसे लेकर बयानबाजी कर रहे हैं।

विशेषज्ञों के अनुसार किरोड़ी लाल मीणा की सीधी और स्पष्ट शैली राजस्थान की राजनीति में उनकी पहचान बन चुकी है। उनका कहना है कि जनता के बीच से उठी आवाज़ को सही दिशा में ले जाने के लिए सीधे शब्दों में संवाद करना जरूरी है।

इस बयान के बाद राज्य में मंत्रिमंडल विस्तार की अटकलें तेज हो गई हैं। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि यह बयान उपमुख्यमंत्री पद को लेकर पार्टी के भीतर चल रही चर्चाओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।

दौसा कार्यक्रम में हुई हूटिंग और मंत्री के स्पष्ट जवाब ने यह भी दिखाया कि जनता की अपेक्षाओं और राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं के बीच संतुलन बनाए रखना नेताओं के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है।

राजनीतिक समीकरण और जनता की उम्मीदों के बीच यह बयान राज्य की सियासत में लंबे समय तक चर्चा का विषय बना रहेगा। किरोड़ी लाल मीणा ने स्पष्ट कर दिया है कि उनका लक्ष्य पद प्राप्ति नहीं बल्कि जनता के हित में काम करना है।

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