मन्नत पूरी होने पर किसान ने सांवलियाजी को चढ़ाया चांदी का प्रेशर कुकर, वीडियो में देखें विधायक को सिक्कों से तोला
सांवलियाजी के दरबार में सोमवार को एक अनोखी भेंट और धार्मिक आस्था का अनूठा नज़ारा देखने को मिला। चित्तौड़गढ़ से निर्दलीय विधायक चंद्रभान आक्या के समर्थक और किसान रामेश्वर गुर्जर ने अपनी मन्नत पूरी होने पर आधा किलो चांदी का प्रेशर कुकर भगवान सांवलियाजी को समर्पित किया।
किसान रामेश्वर गुर्जर का कहना है कि उन्होंने 2023 के विधानसभा चुनाव के दौरान सांवलियाजी से मन्नत मांगी थी कि यदि चंद्रभान आक्या चुनाव जीतते हैं तो वह चांदी का प्रेशर कुकर चढ़ाएंगे। चुनाव में आक्या ने विजय हासिल की थी और उनका चुनाव चिह्न भी प्रेशर कुकर था।
दंडवत यात्रा करते हुए पहुंचे मंदिर
सोमवार सुबह किसान रामेश्वर ने करीब 1 किलोमीटर लंबी दंडवत (लोटन) यात्रा करते हुए मेवाड़ के सुप्रसिद्ध श्री सांवलिया सेठ मंदिर पहुंचकर ढोक लगाई। इस पूरे दौरान विधायक चंद्रभान आक्या और बड़ी संख्या में समर्थक उनके साथ मौजूद रहे। सफर के दौरान भक्त की आस्था और संकल्प को देखने के लिए वहां मौजूद लोग भी भावुक हो उठे।
विधायक को 95 किलो सिक्कों से तौला
मंदिर में पहुंचने पर समर्थकों ने विधायक आक्या के सम्मान में तौल समारोह भी आयोजित किया। इसमें चंद्रभान आक्या को उनके वजन के बराबर — लगभग 95 किलो धातु के सिक्कों से तौला गया। बाद में ये सभी सिक्के सांवलियाजी के भंडार में भेंट कर दिए गए। आक्या ने कहा कि यह सम्मान उन्हें नहीं, बल्कि जनता के विश्वास और भगवान सांवलियाजी की कृपा को समर्पित है। उन्होंने किसान समर्थक का आभार व्यक्त करते हुए कहा — “यह मेरे लिए सम्मान नहीं, बल्कि भक्ति और विश्वास की जीत है।”
चुनाव चिह्न बना भक्ति का प्रतीक
आम चुनावी स्थिति से अलग, यहां चुनाव चिह्न ने भी धार्मिक रूप धारण किया। प्रेशर कुकर, जो आमतौर पर रसोई का सामान है, किसान की मन्नत का आधार बना और अब चांदी का स्वरूप लेकर सांवलियाजी की भेंट बन गया।
आस्था और राजनीति का संगम
राजनीति में जीत-हार तो चलती रहती है, लेकिन इस घटना ने यह संदेश दिया कि जनप्रतिनिधि और समर्थकों के बीच भावनात्मक जुड़ाव कितना मजबूत हो सकता है। किसान रामेश्वर गुर्जर ने कहा कि विधायक आक्या ने जनता की अपेक्षाओं को पूरा करने का भरोसा दिया है और वे इस भरोसे को भगवान के सामने निभाने का वचन देते हैं।
मंदिर परिसर में भक्ति और उत्साह
पूरे आयोजन के दौरान मंदिर परिसर में उत्साह देखने योग्य था। भजन-कीर्तन, नारों और धार्मिक जयघोष से पूरा माहौल भक्तिमय रहा। मंदिर प्रशासन ने भी व्यवस्था सुचारु बनाए रखने के लिए विशेष प्रबंध किए।

