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Buxar की 1700 सड़कों की एप से निगरानी कर रहे ग्रामीण

Nainital बाइस दिन से पानी के लिए तरस रहे ग्रामीण, शिकायत पर भी कोई नहीं ले रहा सुध

बिहार न्यूज़ डेस्क जिले में लोगों ने हमारा बिहार हमारी सड़क मोबाइल एप से ग्रामीण सड़कों की निगरानी शुरू कर दी है. एप लांच होने के मात्र पांच दिनों में जिले के ग्रामीण कार्य विभाग के चार डिवीजन में आठ सड़कों की शिकायत एप के माध्यम से की गई है. इसमें मेंटेनेंस वाली टूटी सड़कों की तस्वीर एप पर अपलोड की गई है.

विभाग के अधिकारियों ने तत्काल जांच कर 15 दिनों में टूटी सड़कों को दुरुस्त करने का निर्देश संवेदकों को दिया है. एप के बारे में लोगों के जागरूक होने पर सड़कों की गुणवत्ता में सुधार होने की संभावना जताई जा रही है. फिलहाल, पश्चिम चंपारण जिले में ग्रामीण कार्य विभाग के अधीन 1700 सड़कें हैं. इसकी लंबाई 3500 किलोमीटर है. इसमें से 1100 किमी से ज्यादा ग्रामीण सड़कें मेंटेनेंस में चल रही हैं.

शिकायत के 15 दिनों में निष्पादन का भरोसा अभियंता अनिल कुमार ने बताया कि हमारा बिहार हमारी सड़क मोबाइल एप से जो भी शिकायतें प्राप्त हो रही हैं, उसका त्वरित निष्पादन 15 दिनों के अंदर किया जाएगा. इसमें कोताही बरतने वाले संवेदकों को ब्लैकलिस्टेड करने के साथ विभागीय अधिकारियों पर भी कार्रवाई होगी. सहायक अभियंता संजय कुमार ने बताया कि बनने के साथ टूटने वाली ग्रामीण सड़कों की निगरानी से गुणवत्ता में सुधार होगा.

कालीकरण में आधुनिक तकनीक का हो रहा प्रयोगग्रामीण कार्य विभाग के अधीन बनने वाली और मेंटेनेंस वाली सड़कों के कालीकरण में आधुनिक तकनीक का प्रयोग हो रहा है, ताकि सड़कों की गुणवत्ता पांच साल तकबनी रहे.

लागत घटेगी सहायक अभियंता संजय कुमार ने बताया कि कालीकरण में 8 फीसदी वेस्ट प्लास्टिक का प्रयोग किया जा रहा है. इससे कचरे का निष्पादन भी हो रहा है. कचरा प्रबंधन से वातावरण के एक्यूआई के स्तर में सुधार होगा, क्योंकि पर्यावरण प्रदूषण पूरे विश्व की समस्या है. कालीकरण में वेस्ट प्लास्टिक के उपयोग होने से सड़क निर्माण की लागत भी कम होगी.

 

 

बक्सर न्यूज़ डेस्क 

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