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Bhopal में दीपोत्वस पर सहित अन्य त्योहारों पर फूलों की मांग हर वर्ष बढ़ती जा रही 

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भोपाल न्यूज डेस्क।।  राजधानी में दिवाली और अन्य त्योहारों पर फूलों की मांग हर साल बढ़ती जा रही है। जिससे जिले के किसानों का रूझान अब पारंपरिक फसलों के साथ-साथ फूलों की खेती की ओर बढ़ा है। अब जिले के खेतों में खिले फूलों की मांग बाजारों में होने लगी है।

उद्यान विभाग के मुताबिक महज तीन साल में जिले में फूलों का उत्पादन 40 फीसदी तक बढ़ गया है. ऐसा तब भी है जब मौसम लगातार बदल रहा है। बागवानी विशेषज्ञों का कहना है कि जिले में फूलों की खेती बढ़ने के पीछे दो कारण हैं।

पहला, पारंपरिक खेती से हटकर उन्नत खेती में रुचि रखने वाले किसानों ने इसे रोजगार का बेहतर जरिया बना लिया है। दूसरे, बागवानी से जुड़ी सरकारी योजनाओं के तहत कृषि के लिए 30 प्रतिशत से 40 प्रतिशत सब्सिडी पर ऋण आसानी से उपलब्ध है।

दिवाली के लिए खेतों से लेकर बाजारों तक गेंदे के फूल आने शुरू हो गए हैं.
दिवाली की रौनक खेत-खलिहानों में भी देखने को मिलती है. दिवाली की खुशियां हर घर-आंगन में नजर आ रही हैं. भोपाल से लगे गांव जैसे रातीबड़, नीलबड़, केरवा डैम, विदिशा, सीहोर, रायसेन रोड के किसान गेंदा फूल की खेती करते हैं। दिवाली पर हर घर को फूलों से सजाया जा सकता है. इसके लिए किसान फूल तोड़कर शहर भेज रहे हैं.

दिवाली के चलते फूलों की खपत चार गुना बढ़ गई है. खपत बढ़ने से कीमतें भी तीन गुना हो गई हैं. फूल व्यवसायी रामाधार सैनी ने बताया कि भारत टॉकीज नव बहार सब्जी मंडी द्वारा संचालित फूल मंडी में किसान बड़ी मात्रा में फूल पहुंचाते हैं। दिवाली पर शहर में एक हजार क्विंटल गेंदा फूल बिकने का अनुमान है।

दूसरे शहरों पर निर्भरता कम हो रही है
पहले राजधानी में दूसरे शहरों से फूल आते थे लेकिन जिले भर के किसानों ने इनमें अधिक रुचि ली और इसकी खेती शुरू कर दी। ऐसे में दूसरे शहरों पर निर्भरता कम हो जाती है. दिवाली के त्योहार से तीन-चार महीने पहले ही किसान अलग-अलग तरह के फूलों की कटाई शुरू कर देते हैं और गणेशोत्सव, नवरात्रि से लेकर दिवाली के पूरे त्योहार के दौरान फूलों से अच्छा मुनाफा कमाते हैं। भोपाल में एक क्विंटल फूलों की खपत होती है और 100 करोड़ से ज्यादा का कारोबार होता है।

इस साल अच्छी बारिश हुई है लेकिन फूलों की फसल पर कोई असर नहीं पड़ा है. यही कारण है कि दिवाली के लिए गेंदा, गुलाब, सेवंती, गेंदा और अन्य फूलों की फसलें बेहतर तरीके से तैयार होती हैं। जो बाजार में आना भी शुरू हो गया है. रोशनी के त्योहार के लिए किसान अपने खेतों को सजा रहे हैं। इन्हें बाजार में लाना दिवाली से एक दिन पहले शुरू होगा और पूरे दिन जारी रहेगा. रोशनी के त्योहार पर गेंदे की मांग सबसे ज्यादा होती है।

व्यापारियों का कहना है कि दिवाली पर अच्छा कारोबार होगा
वैसे तो पूरे साल कुछ त्योहारों या उत्सवों पर फूलों की मांग रहती है, लेकिन सबसे ज्यादा मांग दिवाली पर होती है। हर साल अच्छा कारोबार होता है, इस बार भी बाजार अच्छा है. गेंदा और गुलाब के फूलों की मांग सबसे अधिक है।

संजय सैनी, किसान एवं फूल व्यवसायी

जिले में फूलों का उत्पादन बढ़ने से हमारी निर्भरता दूसरे शहरों पर कम हो गयी है. गणेश उत्सव, नवरात्रि, दशहरा, दिवाली या चुनाव जैसे त्योहारों पर हमारे शहर को मध्य प्रदेश या महाराष्ट्र के दूसरे शहरों से ढेर सारे फूल नहीं मंगाने पड़ते.

-राजेश माली, किसान एवं फूल विक्रेता

क्षेत्रफल एवं उपज की स्थिति मीट्रिक टन में

वर्ष 2021-22 - वर्ष 2023-24

किस्म - क्षेत्रफल / उपज - क्षेत्रफल / उपज

गेंदा - 250/3500 - 323/4700

गुलाब - 154/3010 - 193/4202

मध्यप्रदेश न्यूज डेस्क।।
 

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