Begusarai बिहार के प्रारंभिक स्कूलों में लड़कियों की संख्या लड़कों से अधिक

बिहार न्यूज़ डेस्क ग्रामीण क्षेत्र के सरकारी स्कूलों में नामांकन का प्रतिशत देश में सबसे अधिक बिहार में है. यहां के ग्रामीण क्षेत्रों में छह से 14 वर्ष के 80 प्रतिशत बच्चे सरकारी स्कूलों में पढ़ते हैं. राष्ट्रीय स्तर पर यह आंकड़ा 66.8 प्रतिशत है. दिल्ली से जारी असर- 2024 की रिपोर्ट में यह जानकारी दी गयी है. रिपोर्ट बताती है कि साल-दर-साल बच्चों में सीखने के स्तर में इजाफा हुआ है. पर, इसमें व्यापक स्तर पर और सुधार की जरूरत है.
बिहार के सभी 38 जिलों के 1140 गांवों और ग्रामीण क्षेत्रों के 1114 स्कूलों में सर्वे के बाद यह रिपोर्ट जारी की गयी है. तीन से 16 वर्ष की आयु के 51 हजार 677 बच्चों के बीच यह सर्वे हुआ है. राज्य के सरकारी स्कूलों में कक्षा एक से आठ तक में लड़कों से अधिक लड़कियां नामांकित हैं. एक से आठ तक में 86.2 प्रतिशत लड़के और 92.4 प्रतिशत लड़कियां हैं. वहीं, बिहार के ग्रामीण क्षेत्रों में तीन से पांच वर्ष के 67.1 प्रतिशत बच्चे प्री-स्कूल में नामांकित हैं. राष्ट्रीय स्तर पर यह 71.4 प्रतिशत है. वर्ष 2018 में बिहार में 54.1 और 2022 में 61.9 प्रतिशत बच्चे प्री-स्कूल में नामांकित थे. तीन वर्ष के 68.9 प्रतिशत और चार वर्ष के 66.9 प्रतिशत बच्चे आंगनबाड़ी में नामांकित हैं. वहीं, छह से 14 वर्ष के 97 प्रतिशत से अधिक बच्चे स्कूलों में नामांकित हैं. 15 से 16 वर्ष के 9.5 प्रतिशत लड़के और 7.8 प्रतिशत लड़कियां स्कूल में नामांकित नहीं हैं. वर्ष 2014 में यह आंकड़ा क्रमश: 17 और 15.6 प्रतिशत था.
34 प्रतिशत बच्चों के पास अपना स्मार्ट फोन
बिहार के ग्रामीण इलाकों के 14 से 16 वर्ष के 34 प्रतिशत बच्चों के पास अपना स्मार्ट फोन है. राष्ट्रीय स्तर पर ऐसे बच्चों की संख्या 31.4 प्रतिशत है. वहीं, इस उम्र के बिहार के 76.6 प्रतिशत बच्चे स्मार्ट फोन का उपयोग करने में सक्षम हैं. राष्ट्रीय स्तर पर यह आंकड़ा 82.2 है. राज्य के 73.6 प्रतिशत स्कूलों में उपयोग लायक महिला शौचालय हैं, जबकि वर्ष 2018 में यह सुविधा सिर्फ 75.6 प्रत्शत स्कूलों में थी. वहीं, 88.7 प्रतिशत स्कूलों में पेयजल की सुविधा है. सर्वे के दिन 93 प्रतिशत स्कूलों में मध्याह्न भोजन बच्चों को मिला.
बिहार के ग्रामीण क्षेत्रों के कक्षा तीन के मात्र 28.9 प्रतिशत बच्चे कक्षा दो का पाठ ठीक से पढ़ पाते हैं. वहीं, कक्षा तीन के 37.5 प्रतिशत बच्चे कक्षा दो के स्तर का घटाव कर पाते हैं. हालांकि, वर्ष 2014 से लगातार इसमें सुधार हो रहा है. वर्ष 2014 में कक्षा तीन के मात्र 27 प्रतिशत बच्चे ही कक्षा दो के घटाव कर पाते थे. इसी प्रकार अभी कक्षा पांच के 36.2 बच्चे ही तीन अंकों का भाग कर पाते हैं. कक्षा पांच के सरकारी स्कूलों के 32.5 प्रतिशत बच्चे और निजी स्कूलों के 67.7 प्रतिशत बच्चे भाग करने में सक्षम हैं. इसी प्रकार कक्षा आठ के सरकारी स्कूलों के 62 प्रतिशत बच्चे और निजी स्कूलों के 85 प्रतिशत बच्चे भाग करने में सक्षम हैं.
बेगूसराय न्यूज़ डेस्क