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Begusarai कक्षा दो के 20 फीसदी बच्चे शब्द लिखने में अक्षम

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बिहार न्यूज़ डेस्क राज्य के सरकारी स्कूलों के कक्षा दो के करीब 20 प्रतिशत बच्चे हिन्दी में शब्द लिखने में अक्षम हैं. 31 प्रतिशत बच्चे घटाव नहीं कर पाते हैं. राज्य के तीन जिले पश्चिम चंपारण, जहानाबाद और शिवहर के 600 विद्यालयों में हुई जांच की रिपोर्ट में यह बात सामने आयी है. रिपोर्ट यह भी बताती है कि इस मामले में वर्ष 2023 के मुकाबले दस से 12 प्रतिशत तक सुधार आया है पर अब भी गणुवत्तापूर्ण शिक्षा चुनौती बनी हुई है. विभागीय पदाधिकारी बताते हैं कि बच्चों के ज्ञान हासिल करने में कितनी प्रगति हुई है, यह जानकारी प्राप्त करने के लिए ही यह जांच करायी गयी थी. ताकि इस अनुरूप आगे की रणनीति बनायी जाये. निपुण भारत के तहत शिक्षा विभाग के पदाधिकारियों और सेंट्रल स्क्वायर फाउंडेशन के सहयोग से अक्टूबर, 2024 में कक्षा दो के बच्चों के बीच यह जांच करायी गयी थी, जिसकी रिपोर्ट अब आयी है. शिक्षक प्रशिक्षण संस्थानों में अध्यनरत विद्यार्थियों ने विद्यालयों में जाकर यह जांच की थी. रिपोर्ट बताती है कि पश्चिम चंपारण में वर्ष 2023 में 28 प्रतिशत, जहानाबाद में 27 प्रतिशत और शिवहर में 32 प्रतिशत बच्चे शब्द नहीं लिख पाते थे. वर्ष 2024 में यह प्रतिशत घटकर क्रमश 19, 21 और 19 प्रतिशत आ गया है.

शब्द नहीं लिखने वाले बच्चों की संख्या में आई है गिरावट

रिपोर्ट बताता है कि शब्दों को नहीं लिख पाने वाले बच्चों की संख्या में गिरावट आयी है. इसी प्रकार एक अंक का घटाव पश्चिम चंपारण के 21, जहनाबाद के 17 और शिवहर जिले के 31 प्रतिशत बच्चे नहीं कर पाते हैं. वर्ष 2023 में एक अंक का घटाव नहीं करने वाले बच्चों की संख्या इन तीनों जिलों में 40 से 56 प्रतिशत थी. तीनों जिलों में हिन्दी और गणित विषय की ही जांच हुई थी. इसी प्रकार हिन्दी के शब्दों को पढ़ने और एक-दो अंकों को जोड़ने में भी दस से 30 प्रतिशत बच्चे सक्षम नहीं हुए हैं.

 

 

बेगूसराय न्यूज़ डेस्क 

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